Banke Bihari Temple Corridor News: मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में दर्शनार्थियों की सुविधा व सुरक्षा के लिए प्रस्तावित कॉरिडोर निर्माण का मामले में आज लगातार दूसरे दिन भी इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. दरअसल प्रस्तावित कॉरिडोर निर्माण के लिए मंदिर के ही चढ़ावे का इस्तेमाल किए जाने का प्रस्ताव दिया गया है. वहीं मंदिर के सेवायत इसका विरोध कर रहे हैं. ऐसे में आगरा के व्यापारी प्रखर गर्ग ने हाईकोर्ट में कहा कि सरकार कॉरिडोर का निर्माण करे, इसका पूरा खर्च वह देंगे.
दरअसल आगरा के व्यापारी प्रखर गर्ग ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी देकर कहा कारिडोर निर्माण के लिए 510 करोड़ देने के लिए तैयार हैं, जिसमें से 100 करोड़ रुपये एक महीने में जमा कर दिए जाएंगे. फिलहाल इस संबंध में कोर्ट ने सरकार से सवाल किया है कि प्रस्तावित कॉरिडोर निर्माण के लिए वह मंदिर का पैसा क्यों चाहते हैं. कोर्ट ने सवाल किया कि क्या सरकार के पास पैसे की कमी हो गई है.
लोक शांति के लिए योजना हुई तैयार
हाईकोर्ट में महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्र और अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कहा कि 'लोक शांति और व्यवस्था के लिए सरकार ने प्रस्तावित योजना तैयार की है. जिसमें नागरिक सुविधाएं मुहैया कराई जायेंगी. मंदिर की व्यवस्था के लिए मंदिर का पैसा लगाने में किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए.' इस पर आपत्ती जताते हुए सेवायतों की ओर से कहा गया कि सरकार मंदिर की सुविधा बढ़ाना चाहती है, उन्हें इसमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन निजी मंदिर का ट्रस्ट है. ऐसे में सरकार को चढ़ावे पर दावा नहीं करना चाहिए.
दर्शनार्थियों की सुरक्षा के कदम उठा सकती है सरकार
याची अधिवक्ता श्रेया गुप्ता ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 25 व 26 में धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार है. लेकिन यह निर्बाध नहीं है. इस पर कोर्ट ने कहा युक्तियुक्त हस्तक्षेप किया जा सकता है. वर्तमान समय मे मंदिर प्रबंधन के लिए कोई समिति नहीं है, सिविल जज की निगरानी में व्यवस्था की जा रही है, प्रबंधन विवाद मथुरा की सिविल अदालत में विचाराधीन है. सरकार दर्शनार्थियों की सुरक्षा के कदम उठा सकती है.
व्यापारी प्रस्तावित कॉरिडोर निर्माण का खर्च उठाने को तैयार
अधिवक्ता राघवेंद्र मिश्र ने कहा कि सरकार प्रस्तावित योजना लागू करे, इसमें आने वाला सारा खर्च प्रखर गर्ग की और से दिया जाएगा. उनका कहना है कि सरकार इस काम के लिए मंदिर का चढ़ावा न ले. इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा अगर सरकार मंदिर का पैसा नहीं लेती है तो सारा विवाद ही ख़त्म हो जाता है. वहीं कोर्ट ने इस मामले में 11 अक्टूबर को अगली सुनवाई तय की है.
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