UP Lok Sabha Election 2024: बांसगांव से इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी ने किया जीत का दावा, कहा- 'जनता उनके साथ कोई विरोध नहीं'
UP Election News: बांसगांव से इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी सदल प्रसाद ने कहा कि यहां की जनता उसके साथ है. उन्हें इस बार जीत का पूरा भरोसा है. उन्होंने कहा कि मैं चुनाव हारने के बाद भी के बीच रहता हूं.
Lok Sabha Election 2024: गोरखपुर के बांसगांव लोकसभा सीट से गठबंधन से कांग्रेस प्रत्याशी और बसपा सरकार के पूर्व मंत्री सदल प्रसाद ने बुधवार को भाजपा की सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बांसगांव की जनता उनके साथ है. पार्टी के अंदर उनका कोई विरोध नहीं है. विरोध के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. वे 10 साल विधायक रहे. एक बार मंत्री और तीन बार चुनाव हार चुके हैं. उन्हें विश्वास है कि जनता उनका साथ जरूर देगी. वे कहते हैं कि रेवेन्ना पोर्न वीडियो मामले में भाजपा ने अपराधियों को विदेश भागने का मौका दिया. भाजपा की सरकार निर्दोष लोगों को तिहाड़ में भेज देती है.
कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर मचे हाहाकार के बीच उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जो निःशुल्क वैक्सीन और बूस्टर डोज दी गई है. उससे लोगों को हार्टअटैक का खतरा है. कुछ चिकित्सकों ने इसे स्वीकार भी किया है. सीजेआई ने अपने फैसले के आधार पर देश की जनता का अधिकार है कि चंदा लेने की बात की सच्चाई को जान सके. इसी वजह से देश में आरटीआई कानून को शिथिल कर दिया गया. हमारे देश के प्रधानमंत्री किस रेलवे स्टेशन पर चाय बेच रहे थे. आज देश की जनता नहीं जान पा रही है.
सरकार जिसे भगाना चाहती है वो भाग गया, निर्दोष तिहाड़ गए
सदल प्रसाद ने रेवन्ना पोर्न मामले में सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार जिसको चाह लेगी, वो कैसे भाग जाएगा. सरकार जिसको भगाना चाही, वो भाग गया. जिन्होंने तिहाड़ में जाने का काम नहीं किया है, सरकार उन्हें शिकंजे में लेकर कोई 5,6 और 8 साल से जेल में रखा गया है. सदल प्रसाद ने कहा कि बांसगांव में जो प्रोजेक्ट 2014 में शुरू हुआ. उसे अब तक पूरा हो जाना चाहिए था. राजकीय राजमार्ग से लेकर सर्विस लेन तक अधूरी है. वे जनता को भरोसा दिलाते हैं कि सभी सड़कें क्वालिटी और क्वांटीटी के हिसाब से काम पूरा होगा. लेकिन अधूरा काम बीच-बीच में दिखाई देता है.
तीन बार चुनाव हारे लेकिन इस बार जीत का भरोसा
सदल प्रसाद ने कहा कि संसदीय क्षेत्र बांसगांव की जनता के बीच साल 2004 में चुनाव लड़े. लेकिन महज 13 हजार वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा. 2014 में 1 लाख 39 हजार वोटों से हारकर दूसरे नंबर पर थे. 2019 में 1 लाख 56 हजार वोटों से हार गए. वे इस बात का जिक्र इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि वे जीते, तो भी जनता के बीच रहेंगे और हार गए तो भी जनता के बीच रहेंगे. उन्होंने प्रयास किया है. कथनी और करनी में उन्होंने अंतर नहीं होने दिया. उन्हें हारकर भी लोगों ने देखा.
गठबंधन की एकता-अखंडता और समरसता से प्रभावित होकर साथ आए
सदल प्रसाद ने कहा कि वे बसपा में पूर्व मंत्री रहे है. वे कांग्रेस में इसलिए आए क्योंकि इंडिया गठबंधन देश को बचाने के लिए बना है. इंडिया गठबंधन देश की एकता, अखंडता और समरसता के साथ विश्व बंधुत्व की आइडियोलॉजी से प्रभावित होकर आए. वे महसूस किए कि उन्हें इंडिया गठबंधन के साथ होना चाहिए. उन्होंने पहल की और इंडिया गठबंधन से वे कांग्रेस के टिकट पर बांसगांव से चुनाव लड़ रहे हैं. वे इंडिया गठबंधन के सभी शीर्ष नेताओं का आभार प्रकट करते हैं. आज वे यहां पर बांसगांव की जनता से कहने के लिए आए हैं कि उनके भाई-बेटे को इस बार संसद में भेजेंगे, तो विकास के जो कार्य रुके हुए हैं, उसे पूरा करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे.
बांसगांव की जनता से किए वादों को पूरा करेंगे
सदल प्रसाद बांसगांव से तीन बार चुनाव लड़े और दूसरे स्थान पर रहे. साल 2004, 2014 और 2019 में वे भाजपा के प्रत्याशी कमलेश पासवान से चुनाव हार गए. इसे कहने में उन्हें कोई शर्मिंदगी नहीं है. भाजपा प्रत्याशी की मां और उसके बाद वे लगातार तीन बार से चुनाव जीत रहे हैं. उनके छोटे भाई बांसगांव से विधायक हैं. उन्हें ये बात पता है कि बांसगांव की जनता को विकास चाहिए. बांसगांव विकास से कोसो दूर है. वे बांसगांव की जनता से वादा करते हैं कि रेल लाइन के सपने को वो सांसद बनने के बाद पूरा करेंगे.
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