हरिद्वार: भाजपा ने बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई जांच संबंधी उत्तराखंड हाई कोर्ट के आदेश के विरूद्ध वो सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी. भाजपा के मंडल प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि पार्टी हाई कोर्ट के फैसले का सम्मान करती है, लेकिन वो (भाजपा) इस फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत जाएगी. भगत ने कहा कि, ''मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार का कोई भी आरोप साबित नहीं होगा.''


पत्रकार उमेश शर्मा ने लगाए आरोप
उत्तराखंड हाई कोर्ट ने मंगलवार को मुख्यमंत्री रावत को लाभ पहुंचाने संबंधी सोशल मीडिया पर लगाए गए आरोपों की सीबीआई जांच का आदेश देते हुए पत्रकार उमेश शर्मा के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द कर दी थी. उल्लेखनीय है कि शर्मा ने ही ये आरोप लगाये थे. शर्मा के खिलाफ देहरादून के एक थाने में दर्ज प्राथमिकी रद्द करने का आदेश देते हुए न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता से इस मामले के सभी दस्तावेज बुधवार दोपहर बाद तक अदालत में जमा करने का भी आदेश दिया था.


सोशल मीडिया पर की पोस्ट
उच्च न्यायालय का ये आदेश शर्मा की उस याचिका पर आया है, जिसमें उन्होंने अदालत से अपने खिलाफ देहरादून में दर्ज प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध किया था. शर्मा ने इस वर्ष 24 जून को सोशल मीडिया पर किए गए एक पोस्ट में ये दावा किया था कि झारखंड के अमृतेश चौहान ने नोटबंदी के बाद एक सेवानिवृत्त प्रोफेसर हरेंद्र रावत और उनकी पत्नी डॉ सविता रावत के बैंक खाते में मुख्यमंत्री से व्यक्तिगत लाभ प्राप्त करने के लिए पैसे जमा कराए.


बैंक खाते में हुए लेनदेन का विवरण भी दिया
पोस्ट में ये भी दावा किया गया था कि डॉ सविता रावत मुख्यमंत्री रावत की पत्नी की सगी बहन हैं. शर्मा ने पोस्ट में अपने दावे के समर्थन में बैंक खाते में हुए लेनदेन का विवरण भी उपलब्ध कराया था. इस पर, सेवानिवृत्त प्रोफेसर रावत ने 31 जुलाई को देहरादून में इन आरोपों को झूठा और आधारहीन बताते हुए शर्मा के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी.



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