Barabanki Gram Pradhan Fake Caste Certificate: यूपी (UP) के बाराबंकी (Barabanki) जिले में पिछले साल त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षित ओबीसी महिला ग्राम प्रधान सरसंडा गांव (Sarsanda Village) में एक अनुसूचित जाति की महिला उम्मीदवार की ओर से फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आया है. दरअसल महिला की ओर से ओबीसी (OBC) जाति प्रमाण पत्र बनवाकर चुनाव जीतने का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद महिला के अभिलेखों से बड़ा खुलासा हुआ है, जिसका संज्ञान अब जिला प्रशासन ने लिया है.

 

महिला सुलतानपुर जिले की रहने वाली अनुसूचित जाति की बताई जा रही है, जो अब बाराबंकी के विकास खंड सूरतगंज अन्तर्गत तहसील रामनगर के सरसंडा  गांव की फर्जीवाड़ा कर बनी ग्राम प्रधान है. इसका खुलासा होने के बाद एबीपी गंगा की खबर पर जिला प्रशासन ने संज्ञान लिया है. वहीं इस मामले पर गांव की दौलती देवी ने फर्जीवाड़े की शिकायत उपजिलाधिकारी रामनगर से की थी. इस शिकायत के बाद उपजिलाधिकारी रामनगर बाराबंकी ने जब सुल्तानपुर के उपजिलाधिकारी कादीपुर से जाति संबंधित राजस्व अभिलेखों की जांच करवाई तो उससे ये बड़ा खुलासा हुआ.



 

गांव के लोगों ने जुटाई महिला के बारे में जानकारी 

 

इस मामले पर अपर जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह का कहना है कि उपजिलाधिकारी कोर्ट में अपील की जा सकती है. दरअसल अनुसूचित जाति की महिला ग्राम प्रधान संगीता देवी की ओर से ग्राम प्रधान के चुनाव में फर्जीवाड़ा कर ओबीसी आरक्षित महिला ग्राम प्रधान पद के चुनाव के लिए फर्जी ओबीसी जाति प्रमाण पत्र बनवाया गया. संगीता देवी के चुनाव जीतने के बाद जब गांव वालों ने महिला के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि वह मूलरूप से सुल्तानपुर जिले के बस्तीपुर पहाड़पुर गांव की रहने वाली है और अनुसूचित जाति की है.

 


 

महिला की साल 2009 में हुई थी कोर्ट मैरिज

 

सुल्तानपुर जिले के उपजिलाधिकारी कादीपुर महेंद्र कुमार सिंह से जब उपजिलाधिकारी रामनगर द्वारा जाति से संबंधित सूचना रिपोर्ट मांगी गई तो महिला का फर्जीवाड़ा सामने आ गया. सरसंडा गांव के लोगों ने इस संबंध में उपजिलाधिकारी रामनगर को लिखित शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की है. महिला की  साल 2009 में सुरसंडा गांव के रहने वाले कनौजी लाल लोध के साथ कोर्ट मैरिज हुई थी. महिला के पिता बाबूलाल अनुसूचित जाति के हैं.

 

लेखपाल से लेकर तहसील के अधिकारियों पर खड़े हो रहे हैं सवाल

 

अधिकारियों की मिलीभगत से हुए पिछले दिनों त्रिस्तरीय पंचायत के ग्राम प्रधान चुनाव में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद कई तरह के सवाल लेखपाल से लेकर तहसील के अधिकारियों पर खड़े हो रहे हैं. क्योंकि, एक अनुसूचित जाति की महिला को चुनाव में मदद करने के लिए फर्जी ओबीसी का जाति प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया. मामले का खुलासा होने के बाद जिले का ये ग्राम पंचायत सुर्खियों में है. बाराबंकी में ग्राम प्रधान के चुनाव में जालसाजी करने वाली महिला के सुल्तानपुर जनपद में मिले शैक्षिक और राजस्व अभिलेखो में भी अनुसूचित जाति ही दर्ज है. अब मामले का संज्ञान अपर जिलाधिकारी राकेश सिंह ने लिया है.