Barabanki News: घाघरा-सरयू के ऊपर मंडरा रहा Drone कैमरा, बाढ़ से बचाने के लिए जलधारा का हो रहा सर्वे
बाराबंकी में घाघरा-सरयू नदी का ड्रोन से सर्वे कराया जा रहा है. सर्वे का मकसद जलधारा का पता लगाना है ताकि बाढ़ की स्थिति से निपटा जा सके.
UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बाराबंकी गोंडा और बहराइच सीमा से बहने वाली घाघरा-सरयू नदी (Ghaghra-Saryu River) का जलस्तर (Water Level) पहाड़ों पर हो रही बरसात के चलते दिन रात बढ़ और घट रहा है. बाढ़ से बचाने को लेकर जिला प्रशासन एक ओर घाघरा-सरयू नदी की कटान को बचाने में लगा हुआ है वहीं सिंचाई विभाग (Irrigation Department) ड्रोन कैमरे (Drone Camera) की मदद से सरयू नदी की धारा पता लगा रहा है.
हर साल हजारों गांव सरयू की बाढ़ से होते हैं प्रभावित
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले की रामनगर सिरौलीगौसपुर और रामसनेहीघाट तहसील के हजारों गांव हर वर्ष घाघरा-सरयू नदी के बाढ़ से प्रभावित होते हैं. घाघरा-सरयू नदी के तराई क्षेत्र में हजारों बीघा फसल बर्बाद होने के साथ-साथ यहां के लोगों की झोपड़पट्टी भी बाढ़ में बह जाती है. सरकार हर वर्ष करोड़ों-अरबों रुपए बाढ़ से निपटने को लेकर खर्च करती है लेकिन यह समस्या हर वर्ष बनी रहती है. पिछले अगर दो दशकों की बात करें तो बाराबंकी में घाघरा-सरयू नदी हर वर्ष इन दिनों अपना विकराल रूप धारण करती है क्योंकि जब बरसात शुरू होती है.
नेपाल से पानी छोड़ने से भी होता है नुकसान
पहाड़ों पर जब बारिश होती है तो घाघरा-सरयू नदी का जलस्तर बढ़ जाता है वहीं नेपाल द्वारा छोड़े जाने वाले लाखों क्यूसेक पानी से भी तबाही का मंजर देखने को मिलता है. सिंचाई विभाग द्वारा ड्रोन कैमरे की मदद से सरयू नदी की धारा पता लगा रहे हैं जिससे बाढ़ से निपटने के लिए ठोस इंतजाम किया जा सके. सिंचाई विभाग के जूनियर इंजीनियर अश्वनी सिंह का कहना है कि पिछले 3 महीने से नदीो का सर्वे चल रहा है और धारा पता लगाने का काम किया जा रहा है. इसके अलावा कटान का भी पता लगाया जा रहा है.