Barabanki News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की सरकार लगातार जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाकर भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त एक्शन ले रही है.लेकिन फिर भी शायद बाराबंकी जिले में खाद्य सुरक्षा विभाग के आलाधिकारियों पर इसका कोई असर नहीं हो रहा है. विभाग के अधिकारियों की तरफ से जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है. इसी क्रम में विभाग के एक फूड इंस्पेक्टर का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. जिसमें वह खुलेआम घूस लेने की बात कर रहा है.
बता दें कि इससे पहले भी इस विभाग पर तमाम आरोप लगते रहे हैं. जिसमें विभाग की अभिहित अधिकारी के ड्राइवर के द्वारा भी वसूली करने की बात सामने आई थी. उस समय उसका वीडियो भी वायरल हुआ था. वायरल वीडियो में खाद्य सुरक्षा विभाग के एक फ़ूड इंस्पेक्टर अनिल पाल का है. जिसने अपने उच्च अधिकारियों से शिकायत होने पर रिश्वत की रकम को और बढ़ा दिया. जिसका वीडियो वायरल होने के बाद जिले भर में हड़कंप मच गया.
वायरल वीडियो के बाद सच आया सामने
इस वीडियो में फूड इंस्पेक्टर अनिल पाल ने लाइसेंस रिन्यूअल करवाने वाले बाराबंकी के मसौली निवासी बेकरी व्यवसाई विजेंद्र कुमार गुप्ता को बाराबंकी शहर बुलाया. यहां एक निजी रेस्टोरेंट में उन्होंने विजेंद्र से कहा कि तुमने अब पांच हजार का खर्चा और बढ़ा दिया है. वायरल वीडियो में आरोपी फ़ूड इंस्पेक्टर अनिल पाल ने कहा कि अब वाटर टेस्टिंग रिपोर्ट करवाओ.तुम बहुत ज्ञानी हो और अब तुमको सब दिखा दें. तुमसे उस दिन कहा था कि भैय्या यहीं सब समझ लो. फ़ूड इंस्पेक्टर वायरल वीडियो में साफ कह रहा है कि कही भी जाओ. मैडम से भी मिलने से कुछ नहीं होगा क्योंकि तुमारी एप्लिकेशन हमारे पास पड़ी है. जब तक हम यहां से नहीं भेजेंगे. तब तक कोई चाह करके भी कुछ नहीं कर सकता.
क्या है मामला?
दरअसल, बाराबंकी के खाद्य सुरक्षा विभाग में तैनात फ़ूड इंस्पेक्टर अनिल पाल द्वारा बेकरी का काम करने वाले व्यवसाई से लाइसेंस रिन्यूअल के नाम पर 15 हजार रुपये की मांग की गई थी, जो रकम न मिलने पर फ़ूड इंस्पेक्टर ने लाइसेंस रिन्यूअल करवाने के लिए तमाम सारे नियम-कानून बता दिए. वहीं मामले की जानकारी होने के बाद विभाग की अभिहित अधिकारी डॉ प्रियंका सिंह ने भी एक जांच बैठा दी है. बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि उन्हें मौखिक दूरभाष के माध्यम से आरोपी फ़ूड इंस्पेक्टर अनिल पाल के खिलाफ शिकायत मिली थी. फूड इंस्पेक्टर को लेटर जारी करते हुए उन्होंने स्पष्टीकरण मांगा है. दोषी होने पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
वीडियो वायरल होने के बाद बीजेपी जिलाध्यक्ष शशांक कुशमेस ने जिलाधिकारी से इसकी जांच पड़ताल कराने की मांग की है. फर्जी रिपोर्ट लगाने वाले वीडियो को उन्होंने डीएम से मिलकर उन्हें सौंपा भी है. बीजेपी जिलाध्यक्ष ने बताया कि भ्रष्टाचार की पोल खोलते वीडियो को जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह को जांच के लिए सौंपा हैं. जल्द ही कार्रवाई की मांग की गई है.
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