Barabanki News: अधिकारियों की सख्ती की वजह से खाली पड़े हैं रेन बसेरे, लोग खुले-आसमान में रात गुजारने को मजबूर
Barabanki Rain Shelters: बाराबंकी में मजदूरों और असहाय लोगों के लिए सरकारी रैन बसेरों में रुकने के लिए इतना सख्त नियम बना दिया गया है कि लोगों को मजबूर होकर खुले आसमान के नीचे रुकना मजबूरी बन गया हैं.
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Barabanki News: बाराबंकी (Barabanki) जिले में इन दिनों सर्दी का मौसम लोगों के लिए दिक्कतें पैदा कर रहा हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि गरीबों को हर सम्भव मदद रैन बसेरों में दी जाए, लेकिन बाराबंकी जिले में मजदूरों और असहाय लोगों के लिए सरकारी रैन बसेरों में रुकने के लिए इतना सख्त नियम बना दिया गया हैं कि लोगों को मजबूर होकर खुले आसमान के नीचे रुकना मजबूरी बन गया हैं.
दरअसल, पटेल तिराहे स्थित रैन बसेरे में व्यवस्था फेल नजर आई. मौके पर कोई जिम्मेदार कर्मचारी नही मिला. रैन बसेरे से बदबू आ रही थी, रैन बसेरे में रखी बाल्टी का पानी भी साफ नहीं दिखा. वहीं जिला हॉस्पिटल के ट्रॉमा सेंटर में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी पवन लाल ने बताया कि सिर्फ उन्हीं लोगो को रुकने की इजाजत है जो लोग हॉस्पिटल में मरीज से सम्बंधित है और जिसे डॉक्टर रुकने के लिए बोलते हैं. उन्होंने कहा कई दिनों से रैन बसेरे में कोई नहीं ठहरने आया है. बेड, कंबल की व्यवस्था है. यही हाल बंकी ब्लॉक के ठीक सामने बने रैन बसेरे का है.
लोग रैन बसेरों के बावजूद बाहर रहने को मजबूर
रैन बसेरे की देखरेख कर रहे प्रकाश ने बताया कि वो प्राइवेट कर्मचारी हैं. ऑटो चार्ज करते हैं उन्हें यहां लगा दिया गया है,हालांकि रेलवे स्टेशन पर महिलाओं और पुरुषों के लिए बनाए गए रैन बसेरों में लगे 14-14 बिस्तर में 2 महिलाएं और 6 पुरूष मिले. यहां महिलाओं को रैन बसेरे में रोका गया हैं लेकिन महिला कर्मचारी नही हैं. नगर पालिका में गाड़ी चलाने का काम करने वाले ड्राइवर रामसजीवन ने बताया कि रुकने के लिए लिखापढ़ी बहुत जरूरी हैं. आधार कार्ड नहीं तो रुकने नही दिया जाता. वहीं शहर के सभी रैन बसेरे खाली पड़े हुए हैं.
जिले में हुई बूंदाबांदी की वजह से ठिठुरन और बढ़ गयी हैं और सबसे ज्यादा दिक्कतें रात के वक्त उन लोगों को उठानी पड़ रही हैं जो मजदूरी करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों से शहर में आते हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को गरीबों और बेसहारा लोगों को ठंड से बचाने के लिए लोगों की मदद को लेकर निर्देश दिए है कि लोगों को रैन बसेरों में रोका जाए. उनके लिए रहने की व्यवस्था की जाए, लेकिन हालात कुछ और ही बने हुए हैं. रात के अंधेरे में इन सर्द हवाओं के बीच जगह-जगह लोग इधर-उधर लेटे दिखाए दिए. किसी ने किसी की दुकान के सामने बिस्तर लगा लिया, तो कोई बस स्टॉप पर दिखाई दिया. रात के वक्त लोग रैन बसेरों में नहीं खुले आसमान में मामूली कपड़ों में दिखाई दिए.
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