बाराबंकी में धरने पर बैठे बुजुर्ग की मौत, परिजन बोले- प्रशासन ने बिना पोस्टमार्टम कराया अंतिम संस्कार
UP News: बाराबंकी अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे बुजुर्गों में से एक बुजुर्ग की मौत से हड़कंप मच गया, परिजनों का आरोप है कि, प्रशासन ने बिना पोस्टमार्टम शव का अंतिम संस्कार करा दिया.
Barabanki Strike: बारांबकी जिले में अनिश्चित कालीन धरने पर बैठे भूमिहीनों में एक बुजुर्ग की मौत से हड़कंप मच गया. आरोप है कि, अनिश्चित कालीन धरना दे रहे लोगों में से 4 बुजुर्गो को इलाज करवाने की बात कहकर जिला प्रशासन उन्हें जबरन अपनी गाड़ी में बैठा ले गए और हॉस्पिटल ले जाने की बजाय उन्हें उनके घर छोड़ दिया. जिससे 70 वर्षीय गौरी की रात को मौत हो गई. जिला मुख्यालय स्थित गन्ना संस्थान में चौथी बार 24 नवंबर 2024 से बसारी गांव के भूमिहीन बुजुर्ग पट्टेदार गौरी, किशोरी, बुद्धू व कीढ़ा सहित मृतक हो चुके पट्टीदारों के लगभग 20 लोग अनिश्चित कालीन धरने पर बैठे थे.
अनिश्चित कालीन धरने पर बैठे पट्टेदार राजितराम के बेटे सतीश ने बताया कि, 75 वर्षीय मृतक गौरी पुत्र बल्लू भी उनके साथ अनिश्चित कालीन धरने पर बैठे थे. लगातार जमीन की अमल बरामद कराकर कब्जा व दखल किए जाने की मांग करते रहे. इसी बीच तहसील फतेहपुर के उपजिलाधिकारी व तहसीलदार व कोतवाल मोहम्मदपुर खाला पुलिस फोर्स के साथ 17 दिसंबर 2024 को शाम 4 बजे आए और गन्ना संस्थान में अनिश्चित कालीन धरने पर बैठे 70 वर्षीय बुजुर्ग गौरी पुत्र बल्लू, किशोरी पुत्र भीखा, कीधू पुत्र भीखा और बुद्धू पुत्र ननकऊ व रामचरन पुत्र अर्जुन को अपनी गाड़ी में जबरदस्ती बैठा ले गए.
परिजनों ने अधिकारियों पर लगाए गंभीर आरोप
परिजनों का कहना है कि, उन्हें इलाज के लिए बहाने से उठा कर उन्हें उनके घर छोड़ दिए . SDM द्वारा सभी को अश्वासन दिया था कि सभी की जमीन पैमाईश करके दे दी जाएगी. इसी दौरान 27 दिसंबर की रात चिंता में बैठे 2 बजे गौरी को हार्ट अटैक आ गया और उनकी मौत हो गई. धरने पर बैठी बातचीत के दौरान 65 वर्षीय बुद्धू की पत्नी रामकली ने बताया कि, उनके पति को जिला प्रशासन घर छोड़ आया था जो काफी चिंता में पड़े है और वो धरना दे रही है. कीढू की 65 वर्षीय पत्नी जगरानी ने बताया कि उनके पति घर पर है उनकी भी तबीयत खराब है लेकिन गौरी नहीं रहे हमलोगो के बीच बड़े दुख की बात है.
धरने पर बैठे 50 वर्षीय सतीश पुत्र राजितराम ने बताया कि, वर्ष 1973 में जिला प्रशासन द्वारा भूमिहीनों को देखते हुए 69 पट्टे दिए थे. पट्टेदारों में अब तक धीरे धीरे सभी लोगो की मौतें हो चुकी हैं सिर्फ 4 लोग जीवित है जिनमें 70 वर्षीय लल्लू पुत्र होली, व 75 वर्षीय किशोरी पुत्र भीखा व 70 वर्षीय बुद्धू पुत्र ननकऊ व 72 वर्षीय कीढ़ू पुत्र परागी है. परिजनों के अनुसार 69 पट्टेदार में 4 लोग जीवित बचे है बाकी सभी मृतक के परिजन पत्नी व उनके बेटे है जो अपनी जमीन की मांग पर अड़े है और अनिश्चित कालीन धरने पर गन्ना संस्थान में बैठे है.
एडीएम ने पिछले साल भू माफियाओं पर की थी कार्रवाई
धरने पर बैठे लोगों का आरोप है कि, उन लोगों की पट्टे की जमीन पर धनीराम वर्मा, बीरेंद्र वर्मा व कंधई उर्फ राजेश वर्मा अवैध रूप से कब्जा करके फसल बोते चले आ रहे है. जब पिछले वर्ष 2023 में 9 जनवरी को सभी लोगो ने धरना दिया तो ADM के निर्देश पर भूमाफियों पर कार्रवाई हुई और 400 बीघा पट्टे की जमीन को अवैध कब्जा मुक्त करवाया गया था और जुर्माना भी लगाया था, लेकिन ADM राकेश कुमार का स्थानांतरण होने के बाद मामला फिर शांत हो गया.
उसके बाद से लगातार जमीन पर कब्जा व दखल के लिए लोग गन्ना संस्थान में अनिश्चित कालीन धरने पर बैठे है. आज भी लोग मांग पर अड़े है. मृतक के बेटे रामतीरथ व उनके भाई कीढ़ा ने तहसील प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े किए है. इस मामले पर उपजिलाधिकारी फतेहपुर राजेश विश्वकर्मा ने बताया कि, सन 1973 में 69 लोगों को भूमि आवंटन हुई थी परंतु अमल दरामद नहीं हो पाई थी, आवंटन चकबंदी के पूर्व हुए थे राजस्व अभिलेखों में एंट्री करने के लिए यह लोग धरना दे रहे थे. यह प्रकरण आयुक्त महोदय अयोध्या मंडल के यहां विचार अधीन है. हम लोग आज गांव में कैंप कर रहे हैं और कैंप के माध्यम से गांव की यथा स्थिति समझने का प्रयास करेंगे.
अधिकारियों ने परिजनों के आरोपों से किया इनकार
उपजिलाधिकारी ने कहा कि, जिला अधिकारी का निर्देश प्राप्त हुआ है कि गांव जाकर स्थलीय निरीक्षण जल्द से जल्द मामले को निपटने का कार्य करो. मृतक गौरी बौद्ध धर्म का अनुयाई था, वहां पर कई लोग मौजूद थे. सभी की सहमति से अग्नि संस्कार हुआ है. उनके पुत्र जो आरोप लगा रहे हैं कि दफनाने नहीं दिया गया है, यह सब फर्जी है. मृतक गौरी का अंतिम संस्कार अच्छे ढंग से संपन्न कर दिया गया. अब हम सब प्रशासनिक लोग अयोध्या मंडल आयुक्त से मिलकर समस्या का निराकरण करने का अनुरोध करेंगे और जल्द से जल्द समस्या का निराकरण होगा.
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