Barabanki News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बाराबंकी (Barabanki) जिले में हो रही भारी बरसात की वजह से न सिर्फ बाराबंकी शहर में जगह-जगह जलभराव की समस्या से लोग पीड़ित हैं बल्कि घाघरा नदी में इस साल की ये सबसे ज्यादा डरावनी तस्वीर है. इस बाढ़ की वजह से तराई क्षेत्र के लोगों को काफी मुश्किल भरी जिंदगी गुजारनी पड़ रही है. बाराबंकी, गोंडा, बहराइच की 3 सीमाओं से बहने वाली घाघरा नदी के बढ़ते जलस्तर पर केंद्रीय जल आयोग नजर बनाए हुए हैं. इसी के साथ लोगों में हाहाकार मचा हुआ है.
घाघरा के जलस्तर ने तोड़ा रिकॉर्ड
केंद्रीय जल आयोग के कर्मचारी दुर्गा प्रसाद के अनुसार ये जलस्तर इस साल का अबतक का सबसे ज्यादा जलस्तर है जो रिकॉर्ड तोड़ चुका हैं और संभावना हैं कि घाघरा का जलस्तर और बढ़ेगा. उन्होंने बताया कि प्रति घण्टे एक सेमी घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बढ़ रहा है. यह जलस्तर साल 2014 में सबसे ज्यादा बाढ़ आई थी उससे थोड़ा कम है. अनुमान यही लगाया जा रहा हैं कि घाघरा नदी 2014 का भी रिकॉर्ड तोड़ सकती हैं. यूपी सहित पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश की वजह से जब नेपाल के बैराजों से घाघरा नदी में लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा जाता हैं तो इसका असर देखने को मिलता हैं. बाढ़ प्रभावित तहसील रामनगर, सिरौलीगौसपुर और रामसनेहीघाट के निचले तराई क्षेत्र में हाहाकार मचा जाता हैं और ऐसा ही नजारा इन दिनों घाघरा सरयू नदी में देखने को मिल रहा हैं.
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इन इलाकों में बढ़ा खतरा
एल्गिन चरसरी बांध पर बने केंद्रीय जल आयोग कार्यालय के कर्मचारी स्किल वर्क असिस्टेंट दुर्गा प्रसाद के अनुसार ये खतरे के निशान से ढ़ाई फुट ऊपर है जो रिकॉर्ड तोड़ चुकी हैं. घाघरा नदी में आई बाढ़ की वजह से बाराबंकी, गोंडा और बहराइच की सीमा पर बने संजय सेतु पुल पर भी खतरा बढ़ गया है. लखनऊ से बाराबंकी होते हुए और गोंडा, बहराइच से बाराबंकी की ओर आने जाने वाले हजारों वाहन प्रतिदिन इसी संजय सेतु पुल से गुजरते हैं जिसकी वजह से खतरा और बढ़ जाता हैं.
इस पुल में पिछले कई बार दरारें पड़ चुकी हैं, जिसकी वजह से पहले भी इसकी मरम्मत हो चुकी हैं. साथ ही पुल संकरा होने की वजह से भी डर बना रहता हैं जहां घाघरा नदी का विशाल रूप देखा जा सकता है. केंद्रीय जल आयोग भारत सरकार के स्किल वर्क असिस्टेंट दुर्गा प्रसाद ने बताया कि इस समय में नदी हर घंटे एक सेंटीमीटर बढ़ रही है और अभी बढ़ने की स्थिति और भी है. नदी खतरे के निशान से लगभग ढाई फीट ऊपर बह रही है. यह इस साल की सबसे बड़ी बाढ़ है. इससे पहले 2014 में इससे भी बड़ी बाढ़ आई थी.
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