बाराबंकी, एबीपी गंगा। उत्तर प्रदेश में एक बार फिर जहरीली शराब से कई लोगों की जिंदगियां उजाड़ दी हैं। ताजा मामला बाराबंकी जिले का है, जहां इस जहरीले जाम ने एक ही परिवार के चार लोगों समेत 10 की जान ले ली है। इस जहरीले शराब कांड ने पुलिस-प्रशासन को सकते में डाल दिया है। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बाराबंकी में शराब से हुई लोगों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
CM योगी का निर्देश
मामले में संज्ञान लेते हुए सीएम योगी ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को तत्काल मौके पर पहुंचकर प्रभावित लोगों को समुचित चिकित्सा मुहैया कराए जाने का निर्देश दिया है। साथ ही, दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के भी आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव आबकारी को घटना की जांच कर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया है।
बाराबंकी में हुई मौत के मातम का जिम्मेदार कौन?
इस मामले में आबकारी विभाग के 10 लोगों को ससपेंड किया गया है।
जहरीले जाम ने ली इनकी जान
- सोनू पुत्र सुरेश(25)
- राजेश पुत्र सालिक राम(35) अकोहरा घाघरा किनारे स्थित देवरिया गांव का है।
- रामेश कुमार पुत्र छोटेलाल (35), सोनू पुत्र छोटे लाल (25), मुकेश पुत्र छोटे लाल(28), छोटेलाल पुत्र घूरू (60)। ये चारों एक ही परिवार के जो रानीगंज के निवासी है।
- पिपरी महार निवासी सूर्य भान पुत्र सूर्य बक्श
- राजेन्द्र वर्मा पुत्र जगमोहन निवासी उमरी
- सेमराय निवासी महेंद्र पुत्र कप्तान सिंह
- महेन्द्र पुत्र दलगंजन ततहेरा
आबकारी मंत्री ने मानी गलती
एबीपी गंगा से बातचीत के दौरान बाराबंकी में जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर यूपी के आबकारी मंत्री ने माना है कि ये उनके विभाग की एक बड़ी चूक है, क्योंकि जिस दुकान से ये शराब खरीदी थी, उसे आबकारी विभाग से लाइसेंस मिला था।
घटना पर कांग्रेस नेता का बयान
वहीं, कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने बाराबंकी में जहरीली शराब से हुई मौतों पर कहा प्रशासन को सब पता है और ये सरकार के समानांतर चल रहा हैं। फिर भी सरकार इसे रोकने में विफल है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले भी कहा था कि इसे रोका जाएगा, परन्तु अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। सरकार को जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए व मृतक परिवार को कम से कम 50 लाख का मुआवजा दिया जाना चाहिए।
पहले भी हुआ जहरीला शराब कांड
बता दें कि इस पहले भी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जहरीली शराब से बड़ी संख्या में लोगों की मौत मामला सामने आया था। जहां सहारनपुर, रुड़की और कुशीनगर में जहरीली शराब पीने से 98 लोगों की मौत हो गई थी। अकेले सहारनपुर में 64, रुड़की में 26 और कुशीनगर में 8 लोगों की जहरीली शराब ने जान ले ली थी। तब भी प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगा, जिसके बाद सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नागल थाना प्रभारी सहित 10 पुलिसकर्मा और आबकारी विभाग के तीन इंस्पेक्टर व दो कांस्टेबर को सस्पेंड कर दिया था।