Barabanki Road Accident: ओवरटेक करने के चक्कर में तेज रफ्तार बस पलटने से दर्दनाक हादसा, 2 की मौत 18 घायल
कैसरबाग डिपो की एक तेज रफ्तार बस दूसरे वाहन को ओवरटेक करने के चक्कर में अपना संतुलन खो बैठी और टक्कर के बाद खाई में जा गिरी.
Barabanki Road Accident: बाराबंकी जिले में एक भीषण सड़क हादसा हो गया. उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के कैसरबाग डिपो की बस अनियंत्रित होकर खाई में पलट गई. इस हादसे में बस में सवार कई यात्री दब गए. यह हादसा तेज रफ्तार और ओवरटेकिंग की वजह से हुआ. जानकारी के मुताबिक बस में 50 से ज्यादा यात्री सवार थे. हादसे में दो लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 18 यात्रियों को इलाज के लिये जिला अस्पताल रेफर किया गया है. कई और यात्रियों की हालत नाजुक बनी हुई है. बाकी यात्रियों का इलाज स्थानीय सीएचसी में चल रहा है.
कैसे हुई दुर्घटना
यह बस हादसा बाराबंकी के रामनगर थाना क्षेत्र के चौका घाट रेलवे क्रॉसिंग के पास हुआ है. जहां कैसरबाग डिपो की एक तेज रफ्तार बस दूसरे वाहन को ओवरटेक करने के चक्कर में अपना संतुलन खो बैठी और टक्कर के बाद खाई में जा गिरी. हादसे की शिकार बस गोंडा से लखनऊ की तरफ जा रही थी. इस हादसे की सूचना मिलने के बाद पुलिस बल और स्थानीय लोग तत्काल मौके पर पहुंचे और राहव-बचाव कार्य में जुट गये. पुलिस ने लोगों की मदद से बस के अंदर फंसे यात्रियों को बाहर निकाला. जिसके बाद सभी घायलों को एंबुलेंस से अस्पताल भिजवाया गया.
राहत बचाव कार्य पूरा
बस हादसे में घायल यात्रियों ने बताया कि बस काफी तेज रफ्तार में थी और ओवरटेक करते समय सामने से आ रही बस से टकरा गई. जिसके बाद अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी. यात्रियों का कहना है कि बस में 50 से ज्यादा यात्री सवार थे. जिसमें से दो लोगों की मौत हो गई. हादसे के बाद मौके पर पहुंचे बाराबंकी के अपर पुलिस अधीक्षक पूर्णेंदु सिंह ने बताया कि बस कैसरबाग डिपो की थी. हादसे में दो लोगों की मौत हुई है. उन्होंने बताया कि घायलों को इलाज के लिये अस्पताल में भर्ती कराया गया है. राहत व बचाव का काम पूरा हो चुका है.
सीएमओ राम जी वर्मा ने बताया 2 लोगों को रेफर किया गया है और 2 लोगो की मौत हुई है. 13 लोगों को ट्रामा सेंटर में भर्ती किया गया है लेकिन घटना के बाद ट्रामा सेंटर में स्वास्थ्य व्यवस्था राम भरोसे दिखी. बस हादसे में हुए घायलों का जिला हॉस्पिटल में सही से इलाज नहीं हो रहा था. घायलों को धीरे धीरे लखनऊ रेफर कर दिया जाएगा. ये कोई पहला मामला नहीं है. जब भी कोई ऐसी बड़ी घटना होती हैं तो ट्रामा सेंटर में मरीजों की दुर्दशा होती है. जबकि जिला मुख्यालय पर ट्रामा होने के बावजूद लोगों को इलाज से छुटकारा पाने के लिए रेफर कर दिया जाता है. ट्रामा सेंटर इसीलिए रेफर सेंटर बनकर रह गया है.
ये भी पढ़ें: