Barabanki News Today: मिडिल ईस्ट में इजराइल के साथ लेबनान और फिलिस्तीन की जंग हो रही है. इस युद्ध अब तक सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है. उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के लगभग 50 से अधिक लोग इजराइल में नौकरी करते हैं. ये लोग युद्ध जैसी कठिन परिस्थितियों में भी हर रोज अपने घर पर वीडियो कॉल या अन्य माध्यम से संपर्क में रहते हैं और वहां हालात बताते हैं. 


बाराबंकी जिले के देवा थाना क्षेत्र के नई बस्ती सालेहनगर गांव के सबसे ज्यादा श्रमिक इजराइल में नौकरी करने गए हैं. इजराइल पर हो रहे मिसाइल हमलों के बीच वहां लोग कैसे रह रहे हैं और वहां का क्या हालात हैं? इसको जानने के लिए एबीपी लाइव ने सालेहनगर गांव का दौरा किया और इजराइल से लौटे लोगों से बातचीत की.


बाराबंकी जिले के सालेहनगर नई बस्ती गांव के अधिकांश लोग विदेशों में नौकरी करके परिवार का भरण पोषण करते हैं. तहसील नवाबगंज का सालेहनगर नई बस्ती गांव इसलिए भी प्रसिद्ध है, क्योंकि इस गांव में कोई भी बेरोजगार नहीं है.


गांव के चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि उसे भी दूसरे बैच में इजराइल जाना है. चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि जो लोग गांव से इजराइल गए हैं, उन लोगों से वह लगातार संपर्क में है. उन्होंने दावा किया कि गांव के जो भी लोग इजराइल में हैं, वे सभी सुरक्षित हैं. इजराइल सरकार भारतीयों की बहुत देखभाल कर रही है. 


'इजराइल टेक्नोलॉजी है बहुत आगे'
चंद्रशेखर सिंह के मुताबिक, वहां कोई समस्या नहीं है, सिर्फ अफवाह फैलाई जा रही है. उन्होंने कहा कि वहां के हालात को सामान्य कहा जा सकता है. चंद्रशेखर ने बताया कि इजराइल टेक्नोलॉजी के मामले में बहुत आगे है. उन्होंने बताया कि इजराइल के पास ऐसा डिफेंस सिस्टम है कि उस पर गिरने वाले बमों को हवा में ही डिफ्यूज कर देता है.


चंद्रशेखर ने बताया इसके अलावा इजराइल में बम और मिसाइल से होने वाले हमले से सावधान रहने के लिए 10 मिनट पहले मोबाइल पर वाइब्रेशन शुरू हो जाता है. जिससे पहले पता चल जाता है कि बम गिरने वाले है और यह किस देश की तरफ से आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि इन हमलों से बचने के लिए सुरक्षित बंकर बनाए गए हैं, जिसमें तुरंत लोग जाकर उसमें छिप जाते हैं. 


'इजराइली बंकरों में सारी व्यवस्था'
चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि बाराबंकी से इजराइल में कमाने गए लोगों ने बताया कि इन बंकरों के अंदर एक दो महीने रुकना भी पड़े तो भी कोई समस्या नहीं होगी, क्योंकि यहां पर खाने पीने की सारी सुविधाएं मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि अभी मैं और मेरे साथ कई लोग जाने वाले हैं, लेकिन हम सब के मन में कोई डर नहीं है. इसकी वजह यह है कि वह देश टेक्नोलॉजी में बहुत आगे है और अपने देश की सुरक्षा करना जानता है. 


इजराइल में काम कर रहे बस्ती गांव के बबलू ने मोबाइल फोन से वीडियो कॉल पर बातचीत की. उन्होंने बताया कि वह इजराइल में पूरी तरह से सुरक्षित हैं. बबलू ने बताया कि जब भी हमले होने वाले होते हैं उन्हें जानकारी हो जाती है. उन्होंने बताया कि 25 सितंबर को वह इजराइल गए थे. उनके परिवार में सभी लोग हैं, जिनमें 3 चाचा, चाचियां, उनकी पत्नी, बहन और तीन बच्चे भी हैं. 


'जमीन में 30 फीट अंदर बने हैं बंकर'
इजरायल से नई बस्ती गांव लौटे अमर सिंह ने बताया कि वह इमरजेंसी में लौटे थे, उस समय बमबारी नहीं हो रही थी. हालांकि उनके दोस्तों से बातचीत अब भी होती रहती है. उनके दो तीन दोस्त राजस्थान से हैं. अमर सिंह ने बताया कि इजराइल में बमबारी हो रही है और वहां से भागने के बहुत कम मौके हैं. वहां सुरक्षा के लिए बंकर बने हुए हैं. 


अमर सिंह ने बताया कि जब भी मिसाइल या बमबारी होने की संभावना होती हैं, तो वहां सायरन बजने लगता है. इजराइल में जमीन के अंदर 30 फीट अंदर बंकर बनाया गया है. उसी में पब्लिक इकट्ठा हो जाती है. 10 मिनट पहले सायरन बजता हैं. उन्होंने बताया कि वहां डर की कोई गुंजाइश नहीं है. 


भारत वापस बुलाने की गुहार
इजराइल से मोबाइल वीडियो कॉलिंग पर जुड़े गांव के आशीष सिंह ने बताया कि आज छुट्टी थी तो वह सो रहे थे. उन्होंने बताया कि इजरायल सरकार ने सुरक्षा की सारी व्यवस्थाएं की हैं. आशीष सिंह के मुताबिक, जान सबको प्यारी है. उन्होंने भारत सरकार से गुहार लगाई कि हम सभी को भारत बुला लिया जाए.


'चाइनीज कंपनी भारतीयों से लेते हैं हार्ड वर्क'
प्रदीप सिंह भी इजराइल से भारत लौटने वालों में शामिल हैं. उन्होंने बताया कि इस युद्ध के बावजूद वहां किसी तरह की दिक्कत नहीं है. प्रदीप सिंह ने बताया कि उन्हें वहां पर सिर्फ चाइनीज कंपनी से दिक्कत थी, क्योंकि चाइनीज ठेकेदार और मैनेजर भारतीय लोगों से काफी हार्ड वर्क करवाते हैं.  


प्रदीप सिंह ने भारत और इजराइल की सरकारों से मांग की है कि जो लोग चाइनीज कंपनी के उत्पीड़न का शिकार हुए हैं और वापस देश लौट आए हैं, उन्हें दूसरी कंपनी में काम देकर बुलाया जाए. उन्होंने बताया कि चाइनीज कंपनियां, भारतीय लोगों से बंधुवा मजदूर की तरह काम करवाती हैं.


इजराइल से लौटे प्रदीप सिंह के मुताबिक, इजराइल में 186 कंपनियां काम करती हैं. उन्होंने बताया कि जो लोग चाइनीज कंपनी में फंसे वह वापस भारत लौट आए, हालांकि इजराइल की कंपनियों में जो चाइनीज और भारतीय वर्कर हैं अच्छा काम कर रहे हैं. उन्हें कोई दिक्कत नहीं हो रही है. प्रदीप सिंह फिलहाल दोबारा इजराइल लौटना चाहते हैं, लेकिन चाइनीज कंपनियों में वह काम नहीं करना चाहते हैं.  


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