Barawafat 2022: यूपी (UP) के कानपुर (Kanpur) में बारावफात (Barawafat) के मौके पर 110 साल से निकलने वाला जुलूस-ए-मोहम्मदी रविवार को निकाला जाएगा. कमिश्नरेट पुलिस ने जुलूस और आयोजन की सुरक्षा की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. पूरे जुलूस मार्ग को खुफिया कैमरों से लैस करने के साथ ही आयोजन के लिए पुलिस, पीएसी, आरएएफ के साथ पैरामिलिट्री फोर्स को भी चप्पे-चप्पे पर तैनात किया गया है. सभी आयोजकों से संपर्क करके पुलिस ने जुलूस के आयोजन को शांतिपूर्वक और अनुशासित ढंग से निकालने की अपील की है. साथ ही अनुशासनहीनता और गड़बड़ी फैलाने वालों पर सख्ती करने के लिए भी पुलिस ने पूरी तैयारी की है.


पुलिस और प्रशासन की टीमें बीते कई दिनों से पूरे रूट का निरीक्षण कर रही हैं. शनिवार को भी पुलिस आयुक्त बीपी जोगदंड, संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी, अपर पुलिस आयुक्त आनंद कुलकर्णी, डीसीपी अपराध और यातायात सलमान ताज पाटिल ने भारी भरकम पुलिस फोर्स के साथ रूट का निरीक्षण कर तैयारियों को अंतिम रूप दिया. सभी वरिष्ठ अधिकारी आयोजन की कमान थामे हुए हैं. पूरे रूट पर जगह-जगह भीड़ को नियंत्रित करने के लिये बैरिकेडिंग लगाई गई है. कई दिनों से पुलिस की अलग-अलग टीमें शहर काजी, धर्म गुरुओं और मौलवियों की तरफ से सभी आयोजकों से निरंतर संवाद करके आयोजन को लेकर सभी तरह की समस्याएं दूर करने में लगी हुई हैं, ताकि आयोजन हर बार से बेहतर हो सके. गड़बड़ी फैलाने वालों पर पुलिस सख्त कार्रवाई करने को भी तैयार है.


123 ड्रोन करेंगे निगरानी
जुलूस-ए-मोहम्मदी के रूट पर कुल 123 ड्रोन कैमरों को आयोजन की निगरानी के लिए लगाया गया है. यह कैमरे आकाश से जमीन पर हो रही हर गतिविधि पर अपनी बारीक नजरें बनाए रखेंगे. इसके साथ ही पीटीजेड कैमरों और रूट पर सीसीटीवी कैमरों को भी लगाया गया है. जुलूस-ए-मोहम्मदी आयोजन को लेकर जहां पुलिस एक तरफ रूट को सुरक्षित और दुरुस्त करने में लगी है. वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर भी पुलिस का सोशल मीडिया सेल नजर बनाए है. कोई भी भ्रामक सूचना सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफार्म फेसबुक, वाट्सऐप और ट्विटर पर फैलाने वालों पर त्वरित कार्रवाई होगी.

दूसरे जिलों से भी बुलाए गए हैं जवान
जुलूस-ए-मोहम्मदी के लिए दस कंपनी पीएसी, 100 निरीक्षक, 500 उप निरीक्षक, हजारों की संख्या में जवान तैनात करने के साथ ही आरएएफ, आईटीबीपी के जवान तैनात किये गये हैं. शहर के अलावा आगरा, मेरठ, प्रयागराज, वाराणसी आदि जनपदों से भी फोर्स मंगाया गया है, जिन्होंने आकर अपना जिम्मा संभाल लिया है.


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दिए गए हैं ये भी महत्वपूर्ण निर्देश



  • सभी तंजीमों/अंजुमन को अपने-अपने जुलूस में पर्याप्त संख्या में वॉलंटियर्स को लगाना अनिवार्य है.

  • जुलूस-ए-मोहम्मदी के मुख्य जुलूस में शामिल होने वाले सभी तंजीमों/अंजुमन को जुलूस के गुजर जाने के बाद पीछे से शामिल होने के लिए जगह मिलेगी न कि बीच में या फिर आगे.

  • जमीयत जो कि जुलूस आयोजित करने की संस्था है, उसके द्वारा किसी भी लोडर, छोटा हाथी को जुलूस में शामिल करने को प्रतिबंधित किया गया है, इसलिए आप सभी जुलूस में लोडर और छोटा हाथी लेकर डीजे के साथ शामिल न हों.

  • तंजीमें/अंजुमन यदि वे जुलूस के रास्ते में से किसी स्थान से शामिल होना चाहते हैं तो जुलूस का पिछला हिस्सा निकलने के बाद ही शामिल हो पाएंगे, जुलूस के बीच में घुसने की इजाजत नहीं होगी.

  • यदि किसी चौराहा, तिराहा, चौक या किसी अन्य स्थान से एक से ज्यादा अंजुमन शामिल होने आएंगी, तो वो सभी उस स्थान पर मुख्य जुलूस के आने का शांतिपूर्वक इंतजार करेंगी और सभी अंजुमन अपने आने के क्रम के अनुसार व्यवस्थित रूप से एक के पीछे एक खड़ी हो जाएंगी.

  • बहुत बड़े और ज्यादा ध्वनि विस्तारक यंत्र लेकर जुलूस में न जाएं.

  • स्वस्थ समाज में स्वस्थ परंपरा को डालकर आदर्श व्यक्ति और आदर्श समाज का उदाहरण प्रस्तुत करें.

  • जुलूस में कोई भी आपत्तिजनक ध्वज लेकर शामिल न हों.

  • ध्वज में लोहे की रॉड और धातु की छड़ का प्रयोग न करें, ताकि बिजली के तारों में छूने से कोई हादसा न हो, लकड़ी के डंडों में ध्वज लगाएं.

  • पूरे कार्यक्रम की वीडियोग्राफी होगी, यदि कोई प्रतिकूल तथ्य मिलेगा तो सम्बंधित अंजुमन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.


पुलिस आयुक्त ने की अपील
जुलूस-ए-मोहम्मदी के अवसर पर पुलिस आयुक्त बीपी जोगदंड, शहर काजी, धर्म गुरुओं और मौलवियों की तरफ से सभी आयोजकों, तंजीमों/अंजुमन से अपील की गई है कि पूरे आयोजन को बेहद अनुशासित के साथ शांतिपूर्वक ढंग से खुशी-खुशी मनाएं. किसी भी प्रकार के नियम और कानून का उल्लंघन न किया जाए. अगर कोई यह करता है तो उसके ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. पुलिस आयुक्त ने अनुशासन और सुव्यवस्था का उदाहरण प्रस्तुत करने की अपील की है, ताकि पूरे प्रदेश में आपके शहर और आयोजन का नाम आदर्श के रूप में लिया जाए.


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