बारबंकी: पुलिस ने 6 घंटे में सुलझाया अपहरण और हत्या का मामला, आरोपियों को किया गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी पुलिस ने शानदार काम करके दिखाया है. दरअसल, पुलिस ने यहां एक अपहरण और हत्या के मामले को सिर्फ छह घंटे में सुलझा लिया और अपराधियों को जेल भेज दिया.
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में एक दोस्त ने अपने सहयोगी दोस्त के साथ मिलकर अपने दोस्त का पहले तो अपहरण किया फिर उसके घर वालों से फिरौती के 50 से 60 लाख रुपये मांगे, मामला बिगड़ता देख दोनो ने मिलकर उसकी हत्या कर दी और लाश को जमुरिया नाले में फेंक दिया, घटना के बाद परिजनों ने मामले की सूचना जिंले के पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद से ही जिसके बाद पुलिस ने घटना का 6 घण्टे में खुलासा कर दिया ,मामला बाराबंकी के कोतवाली नगर क्षेत्र के फतहाबाद का है.
पुलिस ने 6 घंटे में सुलझाया मामला
पुलिस अधीक्षक बाराबंकी यमुना प्रसाद ने आज प्रेस कांफ्रेंस कर घटना का खुलासा किया है पुलिस अधीक्षक के अनुसार स्वाट और सर्विलांस टीम सहित थाना कोतवाली नगर की संयुक्त पुलिस टीम द्वारा अपहरण कर हत्या करने की घटना का 06 घण्टे के अन्दर खुलासा कर अपहरण कर/हत्याकारित करने वाले 02 अभियुक्त गिरफ्तार कर लिया.
14 अक्टूबर को हुआ था अपहरण
पुलिस के अनुसार क़ल बीते 14 अक्टूबर को फतहाबाद थाना कोतवाली नगर के रहने वाले म्रतक बेटे के पिता बूंदीलाल गौतम ने थाना कोतवली पर तहरीर दी कि कल 14 अक्टूबर समय 2 बजे उनका छोटा पुत्र उम्र 17 वर्ष दोस्त के घर जाने की बात कहकर गया था उसके बाद उसका मोबाइल ऑफ हो गया. शाम को करीब 07.30 बजे उनके बड़े बेटे ने छोटे बेटे के पास फोन किया तो किसी दूसरे व्यक्ति ने फोन रिसीव किया और कहा कि वो लखनऊ से बोल रहा है, तुम्हारे भाई का अपहरण हो गया है, उन्हें 50-60 लाख रूपये चाहिए तब उनका भाई मिलेगा अगर पुलिस से शिकायत की तो तुम्हारा भाई नही मिलेगा. इस सूचना पर थाना कोतवाली नगर पुलिस द्वारा अज्ञात बदमाशों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.
पुलिस ने तुरंत शरू की मामले की जांच
पुलिस अधीक्षक बाराबंकी यमुना प्रसाद द्वारा घटना का तत्काल संज्ञान लेकर घटना का खुलासा करने व अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए अपर पुलिस अधीक्षक उत्तरी डॉ0 अवधेश सिंह के निर्देशन, और क्षेत्राधिकारी नगर सीमा यादव के पर्यवेक्षण में 03 टीमों का गठन किया गया पहली टीम स्वाट व सर्विलांस व थाना कोतवाली नगर पुलिस टीमों द्वारा फिरौती हेतु अपहरण/हत्या की घटना के अनावरण का अथक प्रयास किया जा रहा था. इसी बीच डिजिटल डेटा की मदद से अभियुक्तगण 1-सत्येन्द्र कुमार उम्र-24 पुत्र लखीचन्द्र निवासी करीमपुर थाना नगरा जनपद बलिया, हाल पता- सरस्वती बिहार कालोनी लखपेड़ाबाग थाना कोतवाली नगर बाराबंकी(किराये पर), वही दूसरे नागेन्द्र उम्र-26 पुत्र राम प्रसाद निवासी कुरीलपुर थाना सफदरगंज जनपद बाराबंकी मूल पता-सर्राकला थाना मोतीपुर जनपद बहराइच को गिरफ्तार किया गया. अभियुक्तगण के कब्जे/किराये के मकान से मृतक का मोबाइल फोन, आलाकत्ल तवा, मृतक का चप्पल व घटना में प्रयुक्त मोटर साइकिल स्पेलेन्डर बरामद किया गया.
पैसो के लालच में किया अपहरण
पुलिस के अनुसार पूछताछ व साक्ष्य से प्रकाश में आया कि अभियुक्त सत्येन्द्र व मृतक आपस में रिश्तेदार है और एक-दूसरे के यहां आना जाना था. सत्येन्द्र जो जनपद बलिया का रहने वाला है, पिछले 06 माह से सरस्वती बिहार कालोनी लखपेड़ाबाग में किराये के मकान में रहता था और राज मिस्त्री का काम करता था. सत्येन्द्र के मामा का घर कुरीलपुर दादरा थाना सफदरगंज बाराबंकी में है जहां उसका आना-जाना रहता था और वहीं से उसकी जान-पहचान नागेन्द्र से थी ,13 अक्टूबर को सत्येन्द्र के मामा के लड़की की शादी कुरीलपुर में थी जहां सत्येन्द्र और नागेन्द्र की मुलाकात हुई. इन दोनों ने अपने खर्चों को पूरा करने एवं बहुत सारे रूपये के लिए बाराबंकी के फतहाबाद निवासी बूंदीलाल गौतम के छोटे बेटे का अपहरण कर पैसा मांगने/फिरौती का प्लान बनाया तथा फिरौती की रकम को आपस बांट लेने की सहमति बनाई.
श्री बूंदीलाल गौतम का छोटा बेटा इण्टर की पढ़ाई पूरी करके लखनऊ में सिविल सर्विसेज की कोचिंग कर रहा था. अपहृत/मृतक की मां अध्यापिका है और पिता एडवोकेट है. योजना के मुताबिक दिनांक-14 अक्टूबर को नागेन्द्र, सत्येन्द्र के किराये के मकान सरस्वती बिहार पर आकर रूका तथा समय लगभग 1.30 बजे सत्येन्द्र अपनी मोटर साइकिल से अपहृत/मृतक को उसके मोह्लले फतहाबाद से लिया और लौटते समय शराब/बीयर आदि लेकर किराये के मकान पर आया. बन्द कमरे के अन्दर तीनों लोगों ने शराब/बीयर पिया उसके बाद सत्येन्द्र ने अपहृत/मृतक को घरवालों से पैसा मांगने के लिए कहा तो अपहृत/मृतक तैयार नहीं हुआ और आपस में कहासुनी होने लगी. लगभग 3.30 बजे के करीब सत्येन्द्र ने पास में रखे लोहे के तवे को उठाकर अपहृत/मृतक के सिर पर मार दिया जब वह छटपटाने लगा तो नागेन्द्र ने अपने गमछे से अपहृत/मृतक का गला कस कर हत्या कर दी और शव को तखत के नीचे डालकर घर के बाहर ताला बन्दकर शहर में घुमने निकल गये. अपहृत/मृतक का मोबाइल फोन फ्लाइट मोड पर कर दिया.
आरोपियों ने खुद खोला हत्या का राज
शाम करीब 7.30 बजे थोड़ी देर के लिए मोबाइल को फ्लाइट मोड से हटाया तो अपहृत/मृतक के बड़े भाई अनुराग उर्फ सोनू का फोन आया. फोन को नागेन्द्र ने रिसीव किया तथा अनुराग उर्फ सोनू से रफीक बनकर बात किया एवं फिरौती की मांग की गयी. उसके उपरान्त रात्रि में 12.30 बजे के करीब सत्येन्द्र और नागेन्द्र ने शव को मोटर साइकिल स्पेलेन्डर पर रखकर उसी मोहल्ले के एक नाले के अन्दर ले जाकर दोनों ने शव को ईट से दबा दिया और उसके ऊपर नाले में बह रहे गन्दे कपड़ों से ढक दिया. अभियुक्तगण की निशादेही पर मोबाइल, गमछा बरामद किया गया. अभियुक्तगण द्वारा घटना स्वीकार करते हुए सम्पूर्ण घटना क्रम को स्वयं बताया गया.
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