Ramayan Path in Bareilly: उत्तर प्रदेश के बरेली में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर जिला प्रशासन के सहयोग से तीन दिवसीय महर्षि वाल्मीकि रामायण के अखंड पाठ का आयोजन शुरू हो गया है. बरेली के अलखनाथ मंदिर के पास स्थित तुलसी स्थल पर ये आयोजन किया जा रहा है. इस जगह का बेहद गौरवशाली इतिहास रहा है. ये स्थल 6000-7000 वर्षों से ऋषि मुनियों की तपस्थली रही है. वाल्मीकि रामायण में भगवान राम के चरित्र सामाजिक एकता और समरसता की प्रेरणा मिलती है जिसे राम राज्य कहा जाता है.
500 साल पहले गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज ने यहां श्रीरामचरितमानस पाठ किया था. श्री राम जन्मभूमि को भी इस तपोस्थली की सेवा प्राप्त है. संस्कृत भाषा के उत्थान एवं जन जागरण में महर्षि वाल्मीकि कृत रामायण को प्रचार करने के उद्देश्य से और समाज को परस्पर मानवता एवं त्याग तथा प्रेम संदेश देने के लिए और आपसी सौहार्द्र को बनाए रखने के लिए इस पाठ का आयोजन किया जा रहा है. ये पाठ सप्तमी तिथि से प्रारंभ होकर नवमी तिथि तक लगातार चलता रहेगा.
रामनवमी तक होगा वाल्मीकि रामायण पाठ
महर्षि वाल्मीकि कृत रामायण धार्मिक ग्रंथ के साथ विश्व के पुरातन इतिहास भूगोल ज्योतिष दर्शन एवं सामाजिक व्यवहार की बड़ी ही सुंदर जानकारी देता है. धार्मिक एवं सामाजिक दोनों ही दृष्टि से यह ग्रंथ अति उत्तम है. मानवता का निर्माण और संहार का परिहार रामायण की विषय वस्तु के दो प्रमुख तत्व हैं. रामायण मुख्यतः एक पारिवारिक महाकाव्य है, जिसमें लोक कल्याण की भावना प्रबल है. रामायण के माध्यम से महर्षि वाल्मीकि ने वेदों का सार और वैदिक सूक्तियों का वैभव मानव जाति तक पहुंचाने का अद्भुत प्रयास किया है.
वाल्मीकि रामायण को रस, भाषा, शैली, भाव एवं विचार के दृष्टिकोण से भी सर्वोच्च स्थान प्राप्त है. संस्कृत साहित्य का ये आरंभिक महाकाव्य है, जो अनुष्टुप छंदों में रचित है. इसके साथ-साथ कुछ श्लोक उपजाति और इंद्रवज्रा छंदों में भी प्राप्त होते हैं. इस ग्रंथ में चतुर्विधि पुरुषार्थ धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का पूर्ण वर्णन है. इस महाकाव्य में 24000 श्लोक, सात अध्याय और 645 सर्ग हैं. संस्कृत मंत्रों के उच्चारण से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है. यही वजह है कि समाज में परस्पर मानवता, त्याग तथा प्रेम संदेश देने के लिए इस पाठ का आयोजन किया गया है.
पिछले दिनों सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के तमाम जनपदों में नवरात्रि के दौरान मंदिरों में दुर्गा सप्तशती पाठ और रामायण पाठ कराने का निर्देश दिया था, इसके लिए राज्य सरकार की ओर से एक-एक लाख रुपये भी मुहैया कराये जाने के निर्देश दिए गए थे. जिसके बाद सभी जनपदों में नवरात्रि में दुर्गापाठ और रामायण पाठ का आयोजन किया गया है.
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