(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
बरेली कोर्ट का 'लव जिहाद' मामले में ऐतिहासिक फैसला, दोषी को मिली आजीवन कारावास की सजा
Love Jihad Case in Bareilly: यूपी विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन अधिनियम के तहत बरेली की एक कोर्ट ने लव जिहाद मामले में बड़ा फैसला दिया है. कोर्ट ने आदेश की प्रति बरेली एसएसपी को भी भेजने का आदेश दिया है.
Bareilly News Today: उत्तर प्रदेश के बरेली में लव जिहाद के मामले कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. इस मामले में कोर्ट ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा के साथ ही एक लाख रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया गया है.
उत्तर प्रदेश सरकार के ऑपरेशन कनविक्शन के तहत यह ऐतिहासिक फैसला आया है. इस मामले में आरोपी के पिता को भी सजा सुनाई गई है. कोर्ट ने भोजीपुरा थाना क्षेत्र के रहने वाले मोहम्मद आलिम पुत्र मोहम्मद साबिर उर्फ रफीक अहमद को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
दोषियों पर दर्ज थे ये मामले
कोर्ट ने मोहम्मद आलिम के पिता साबिर उर्फ रफीक अहमद को दो साल की सजा सुनाई है. इस मामले में आईपीसी की धारा 376(2)(n), 323, 504, 506 के तहत देवरनिया थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था. मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने मोहम्मद आलिम को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास और उसके पिता को दो साल की सजा सुनाई है.
दरअसल, पीड़िता बरेली के राजेंद्र नगर में कंप्यूटर की कोचिंग करती थी. यहीं पर मोहम्मद आलिम भी कंप्यूटर की कोचिंग क्लास लेने आता था. इस दौरान उसने अपना नाम आनंद बताकर पीड़िता से दोस्ती की. इसके बाद मोहम्मद आलिम ने उसे लव जिहाद का शिकार बनाया.
पीड़िता से मारपीट करने का आरोप
आरोपी युवक उसे मंदिर ले गया, जहां उसकी मांग भरकर शादी करने का झांसा दिया. इसके बाद उसने युवती को अपने दोस्त के कमरे पर ले जाकर हवस का शिकार बनाया. इतना ही नहीं आरोपी ने उसका अश्लील वीडियो बनाकर उसे धमकाया और फिर कई बार उसे हवस का शिकार बनाया.
पीड़िता जब आरोपी के घर पहुंची तब उसे पता चला जिसे वो आनंद समझ रही थी वो मोहम्मद आलिम है. मोहम्मद आलिम के परिवार वालों ने पीड़िता के साथ मारपीट की और धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया. जब पीड़िता गर्भवती हो गई तो उसका जबरन गर्भपात करवा दिया गया. इस मामले में 6 महीने के अंदर अदालत में अपना फैसला सुनाया है.
आदेश की प्रति बरेली SSP को भेजी गई
एडीजीसी दिगंबर पटेल ने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम रवि कुमार दिवाकर ने अपने आदेश में कहा है कि आदेश की एक प्रति वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बरेली को प्रेषित की जाए, जिससे वह जनपद के सभी थानों की पुलिस को सचेत करें.
इस आदेश में कहा गया है कि जहां कहीं भी लव जिहाद के माध्यम से अवैध धर्मांतरण का मामला या इस तरह के अन्य मामले सामने आएं, तो सुसंगत प्रावधानों के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 के अंतर्गत कार्रवाई करना सुनिश्चित किया जाए.
पुलिस ने थपथपाई अपनी पीठ
एसपी सिटी मानुष पारिक ने बताया कि पुलिस महानिदेशक के जरिये चलाये जा रहे ऑपरेशन कन्विक्शन अभियान के तहत ये मुकदमा चिह्नित किया गया था. इसमें 30 सितंबर 2024 फैसला आया है.
उन्होंने बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बरेली के कुशल नेतृत्व और पुलिस अधीक्षक दक्षिणी, नोडल अधिकारी ऑपरेशन कन्विक्शन जनपद बरेली और थाना के पैरोकार के प्रभावी पैरवी के क्रम में सजा करायी गयी है.
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