बरेली: डीएम के मिशन 'कायाकल्प' ने बदली जिले की सूरत, सीएम योगी भी कर चुके हैं तारीफ
डीएम नीतीश कुमार ने बरेली को देश-प्रदेश में नई पहचान दिलाने के लिए 2200 बीघा में ग्राम्यवन का नए साल पहले दिन शुभारंभ किया है.
बरेली. जिलाधिकारी (डीएम) नीतीश कुमार का मिशन 'कायाकल्प' ने जिले की सूरत बदल दी है. उन्होंने ये सिद्ध कर दिया है कि अगर अच्छे मन से कोई कार्य किया जाए तो उसमे सफलता जरूर मिलती है. डीएम के अथक प्रयासों और उनके द्वारा शुरू किये गए मिशन 'कायाकल्प' ने सरकारी स्कूलों की तस्वीर और तकदीर बदलकर रख दी है. इसका नतीजा ये हुआ की बरेली में कान्वेंट स्कूलों से नाम कटवाकर करीब 10 हजार बच्चो ने सरकारी स्कूलों में एडमिशन लिया है.
खुद सीएम योगी आदित्यनाथ भी इस मिशन की तारीफ कर चुके हैं. डीएम नीतीश कुमार ने बरेली को देश-प्रदेश में नई पहचान दिलाने के लिए 2200 बीघा में ग्राम्यवन का नए साल पहले दिन शुभारंभ किया है. ग्राम्यवन से जहां वातावरण शुद्ध होगा तो वहीं वहां पिकनिक स्पॉट भी बनेगा. ये पार्क इको पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा और हजारो लोगों के रोजगार का रास्ता भी खुलेगा.
बीजेपी सांसद ने भी की तारीफ आंवला के बीजेपी सांसद धर्मेंद्र कश्यप ने भी डीएम की प्रयासों की तारीफ की. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के विकास के रास्ते इस ग्राम्यवन से खुलेंगे. उन्होंने कहा कि वृक्ष हमारे जीवन का अनिवार्य हिस्सा हैं, जहां पेड़ पौधे नहीं होते हैं वहां सांस लेना भी कठिन हो जाता है. गांव हमारी सम्पदा हैं, इनका विकास वास्तव में सबका विकास है। यह विकास सबके लिए है.
डीएम नीतीश ने बताया प्लान वहीं, डीएम नीतीश कुमार ने कहा कि बरेली में करीब 500 हेक्टेयर भूमि चिन्हित कर ली गई है जिसका वनीकरण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस वर्ष जुलाई तक जिले में करीब तीन लाख से अधिक पौधे रोपे जाने का लक्ष्य रखा गया है. डीएम ने ग्राम्यवन के बारे में बताया कि इसे एकदम आदर्श स्थितियों में विकसित किया जाएगा और जल्दी ही यह बरेली की पहचान बन जाएगा. उन्होंने कहा कि जल्द ही यह एक विख्यात इको पर्यटन स्थल का रूप ले लेगा.
मनरेगा के तहत लोगों को मिलेगा काम नीतीश कुमार ने कहा कि मनरेगा के अंतर्गत इसमें कार्य कराया जाएगा. इससे यहां के स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे. इस परियोजना के लिए किसी बजट की मांग नहीं की गई है. किसी अतिरिक्त धनराशि की मांग नहीं की गई. जिला प्रशासन के उपलब्ध संसाधनों के समन्वय से इसे तैयार किया जाएगा. उन्होंने बताया कि मनरेगा, कृषि, वन, भूमि संरक्षण, मत्स्य, सिंचाई, हार्टीकल्चर, पशु पालन आदि विभागों से इसे विकसित करने में सहयोग लिया जाएगा. जिलाधिकारी ने बताया कि इस ग्राम्य वन में अगले पांच वर्षों में 150 हेक्टेयर क्षेत्र में एक लाख 85 हजार पौधे रोपे जाएंगे.
साथ ही यहां सरोवर, मिनी गौ शाला, लैंडस्केप, वाकिंग ट्रैक और उद्यान भी विकसित किया जाएगा. 10 हेक्टेयर में मियांवाकी पैटर्न पर वृक्षारोपण किया जाएगा जिसके बीच एक वॉकिग ट्रैक भी बनाया जाएगा.
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