बरेली: साइबर ठगों ने डॉक्टर को होटल में किया डिजिटल अरेस्ट, पुलिस ने बचाने कि लिए लगाई आग
Bareilly Cyber Crime News: साइबर ठगों ने बरेली में एक डॉक्टर को कई घंटों तक डिजिटल अरेस्ट रखा. सूचना मिलने के बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी और उन्हें ठगों के चंगुल से छुड़ाया.
Bareilly News Today: सरकार और अन्य संस्थाओं के जरिये लगातार साइबर ठगी और डिजिटल को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इसके बावजूद साइबर ठग लोगों को अपनी जाल में फंसाकर ठगी का शिकार बना रहे हैं, इस पढ़े लिखे और जागरूक लोग शामिल हैं. इसी तरह का एक मामला बरेली से सामने आया है, जहां एक साइबर ठगों ने एक डॉक्टर को घंटों तक डिजिटल अरेस्ट रखा.
यह घटना बरेली के बारादरी क्षेत्र की है. जहां डॉक्टर नजबुल हसन को साइबर अपराधियों ने सात घंटे तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा, लेकिन पुलिस सतर्कता और परिवार के वालों की कोशिश से वह ठगी का शिकार होने से बाल-बाल बच गए. साइबर ठग उन्हें हवाला के केस फंसने की धमकी देते हुए 50 लाख रुपये की वसूली करने में लगे हुए थे.
पुलिस की सूझबूझ ने बचाया
एसपी सिटी मानुष पारीक को इमरान खां नाम के व्यक्ति ने सूचना दी कि उनके चाचा डा नजबुल हसन, जिनकी डिस्पेन्सरी सूफीटोला में है, आज दोपहर को मोबाइल पर बात करते हुए घर से बिना बताये स्कूटी से कहीं चले गये हैं. फोन करने पर उनका फोन बंद बता रहा है.
एसपी सिटी मानुष पारीक ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए सर्विलांस और शहर के कैमरों की मदद से डा नजबुल को ढूंढ निकाला. पुलिस ने परिजनों से बात की तो पता चला कि डा नजबुल को फोन पर बताया गया था कि उनका आधार कार्ड हवाला के लेन-देन में इस्तेमाल हुआ है. इसके बाद पुलिस के सामने डिजिटल अरेस्टिंग से जुड़ा हुआ मामला होने की बात साफ हो गई.
पुलिस को सर्विलांस टीम ने डॉक्टर नजबुल की लोकेशन पीलीभीत बाईपास रोड स्थित होटल कन्ट्री इन के पास बताई. पुलिस ने जब होटल में तलाशी शुरू की, तो डॉ नजबुल की स्कूटी होटल के बाहर पार्क मिली. पूछताछ के दौरान यह जानकारी मिली कि डॉ नजबुल हसन ने सोमवार तक के लिए होटल में कमरा बुक किया है, जिसका रूम नंबर 105 है.
'दरवाजा मत खोलना'
इस सूचना के बाद पुलिस डॉक्टर नजबुल हसन की तलाश करते हुए होटल कन्ट्री इन पहुंचीं और होटल स्टाफ के साथ कमरे का दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया, लेकिन दरवाजा नहीं खुला. इस पर दरवाजे से कान लगाकर सुना गया तो पता चला कि कोई व्यक्ति डॉक्टर को निर्देश दे रहा था कि दरवाजा मत खोलना और खुद को व्यस्त बताओ. पुलिस ने मास्टर चाबी से दरवाजा खोलने की कोशिश की, लेकिन सेंसर ओपन होने के बाद भी दरवाजा नहीं खुला.
इसके बाद आग लगने की झूठी सूचना फैलाकर दरवाजा खोला गया. अंदर डॉक्टर नजबुल हसन साइबर अपराधियों के चंगुल में फंसे हुए थे. साइबर अपराधियों ने उन्हें सोमवार तक के लिए डिजिटल अरेस्ट किया था. डॉक्टर का ब्रेनवाश इस हद तक किया गया था कि वे असली पुलिस की बातों को गलत मान रहे थे और साइबर अपराधियों की बातों को सही समझ रहे थे.
डॉक्टर को किया होटल में अरेस्ट
एसपी सिटी मानुष पारीक ने जब डा नजबुल हसन से पूछताछ तो उन्होंने चौंकाने वाले खुलासे किए. पीड़ित डॉक्टर ने बताया कि आज दोपहर में उन्हें एक फोन आया था. फोन करने वाले ने उन्हें बताया कि उनका आधार कार्ड मुंबई के हवाला कारोबार में नरेश गोयल और उसके पार्टनर ने इस्तेमाल कर कई राज्यों में घोटाला किया है, जिसकी जांच आरबीआई और सीबीआई कर रही है.
पीड़ित डा नजबुल हसन के मुताबिक, साइबर ठगों ने उन्हें धमकी दी कि अगर तुम फंसना नहीं चाहते हो तो तत्काल अपने पासबुक समेत अन्य रिकार्ड लेकर किसी होटल में तीन दिन के लिए शिफ्ट हो जाओ और फोन मत काटना. साइबर ठगों ने डॉक्टरों से कहा कि तुम्हारे घर के पास सीबीआई पहुंच गई है जो तुम पर नजर रख रही है. यह बात किसी से मत बताना और जो कहा जाए उसे फॉलो करना.
तीन खातों की दे चुके थे डीटेल
डा नजबुल हसन लगातार साइबर ठगों के जरिये दिए जा रहे निर्देशों को फॉलो कर रहे थे. वे इस होटल में कमरा लेकर करीब 3 घंटे से ठहरे हुए थे. साइबर ठगों के कहे मुताबिक, वे अपने तीन बैंक खातों की डीटेल उन्हें नोट करवा चुके थे. इन खातों में लगभग 50 लाख रुपये की धनराशि है.
साइबर ठगों द्वारा एक मैसेज डालकर बैंक का आईएफसी कोड और डिजिटल कोड पूछा जा रहा था, जिसे वह बताने वाले थे. इसी दौरान एसपी सिटी के नेतृत्व में पुलिस ने मौके पर पहुंच कर दरवाजा खुलवा दिया. पीड़ित डॉक्टर करीब 7 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रहे और बरेली पुलिस की सूझबूझ से साइबर ठगों के हाथ से लुटने से बच गए.
(बरेली से भीम मनोहर की रिपोर्ट)
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