STF Lucknow Arrest Excise Inspector: एसटीएफ लखनऊ (STF Lucknow) को बड़ी कामयाबी मिली है. एसटीएफ ने एक आबकारी इंस्पेक्टर को गिरफ्तार किया है. आबकारी इंस्पेक्टर गिरफ्तारी से बचने के लिए लम्बे समय से फरार चल रहा था. उसके ऊपर 25 हजार का इनाम घोषित किया गया था. इससे पहले एसटीएफ डिप्टी कमिश्नर आबकारी को भी गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है.
बरेली (Bareilly) में शराब माफिया मनोज जायसवाल के कई करोड़ की लागत से बने बार को बीडीए जमींदोज कर चुका है. एसटीएफ इससे पहले मनोज, फैक्ट्री मालिक प्रणय अनेजा उसके पार्टनर मनोज जायसवाल, अजय जायसवाल को गिरफ्तार कर चुकी है. इस मामले में अमरोहा में तैनात एक सीओ की भूमिका भी संदिग्ध पाए जाने पर एडीजी बरेली ज़ोन राजकुमार ने जांच के आदेश दिए हैं तो वहीं बरेली रेंज के आईजी रमित शर्मा भी अपने स्तर से रेंज के चारों जिलों में जांच करवा रहे हैं.
बरेली की एक एनजीओ संचालिका भी जांच के दायरे में
जानकारी के मुताबिक इस मामले में कई सफेदपोश और बड़े अफसर शामिल हैं. एसआईटी इस प्रकरण की जांच कर रही है. बरेली की एक एनजीओ की संचालिका भी जांच के घेरे में है. वो बरेली की नीरा राडिया के नाम से प्रसिद्ध है. नीरा राडिया के भी शराब माफियाओ और बड़े-बड़े अफसरों से अच्छे संबंध हैं. वह अपने कई कार्यक्रमों में कई आईएएस और आईपीएस अफसरों को बुला चुकी है. हालांकि चर्चा में आने के बाद उसने अपनी फेसबुक, इंस्ट्राग्राम, ट्विटर से सभी फोटो डिलीट कर दिए हैं.
एसटीएफ यूपी करोड़ों की टैक्स चोरी मामले में लगातार गिरफ्तारियां कर रही है. एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि शराब फैक्ट्री को-आपरेटिव कंपनी लि० टपरी सहारनपुर लोकल आबकारी डिस्ट्रीब्यूटर्स, ट्रान्सपोर्टर एवं फैक्ट्री में नियुक्त आबकारी अधिकारियों की मिलीभगत से भारी मात्रा में अवैध शराब निकाली जा रही थी, जिससे प्रत्येक माह करोड़ो रूपये की टैक्स चोरी कर राज्य सरकार को भारी राजस्व की हानि पहुचाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर 8 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया था. इसी क्रम में सीसीएल टपरी सहारनपुर फैक्ट्री के तत्कालीन फैक्ट्री इन्चार्ज आबकारी निरीक्षक 25,000 हजार के इनामी अभियुक्त अरविन्द वर्मा को हरदोई से गिरफ्तार करने में सफलता मिली है.
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मामले में 15 अभियुक्त पहले ही हो चुके हैं गिरफ्तार
एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि संगठित अपराध एवं अपराधियों के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान में को-आपरेटिव कंपनी लि० टपरी, सहारनपुर लोकल आबकारी डिस्ट्रीब्यूटर्स, ट्रान्सपोर्टर एवं को-आपरेटिव फैक्ट्री में नियुक्त आबकारी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से कम्पनी के अभिलेखों में हेरा-फेरी कर करोड़ों रुपये की टैक्स एवं एक्साइज ड्यूटी चोरी की घटना के सम्बन्ध में धारा 60 (2) आबकारी अधि० व 120बी, 420, 467, 468, 471, 477 व 66 आईटी एक्ट थाना एसआईटी, लखनऊ पर पंजीकृत हुआ था. जिसके बाद 3 मार्च 2021 को मौके से 8 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गयी थी और इसी अभियोग मे वांछित/पुरस्कार घोषित अब तक कुल 15 अभियुक्तों को एसटीएफ यूपी द्वारा पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका है.
इसी अभियोग में सीसीएल टपरी सहारनपुर फैक्ट्री के तत्कालीन फैक्ट्री इंचार्ज आबकारी निरीक्षक व 25,000 के पुरस्कार घोषित अभियुक्त अरविन्द वर्मा के गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा था, लेकिन अरविन्द वर्मा अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिये स्थान बदल-बदल कर रह रहा है. कभी-कभी इसके हरदोई में भी आने की सूचना प्राप्त हो रही थी. जिसके बाद एसटीएफ ने हरदोई के पिहानी चुंगी के पास से आबकारी इंस्पेक्टर को गिरफ्तार कर लिया.
ऐसे सरकार को लगाते थे चूना
पकड़े गए अभियुक्त ने पूछताछ में बताया कि वह "को-ऑपरेटिव कम्पनी टपरी सहारनपुर का तत्कालीन आबकारी निरीक्षक का कार्य देख रहा था. उससे पूर्व फैक्ट्री का कार्य जगराम पाल, सहायक आबकारी आयुक्त द्वारा विगत करीब 02 दो वर्षों से सम्पादित किया जा रहा था. टपरी फैक्ट्री से एक ही बिल्टी पर दो बार शराब निकालने का कार्य होता था. टपरी को-ऑपरेटिव फैक्ट्री में नियुक्त अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से एक्साइज टैक्स की बड़ी चोरी की घटना अंजाम दी जाती थी.
दरअसलफैक्ट्री से गाड़ी की निकासी के दौरान फैक्ट्री के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा फैक्ट्री के सीसीटीवी कैमरे को बंद कर दिया जाता था व ट्रांसपोर्ट कम्पनी के ट्रक ड्राइवरों द्वारा ट्रक में लगे जीपीएस को भी ऑफ कर दिया जाता है, जिसके कारण गाड़ियों के फेरों की जीपीएस लोकेशन लॉग नहीं होती थी. इस समस्त कार्य में को-ऑपरेटिव कम्पनी टपरी सहारनपुर के मालिक और अधिकारियों की पूरी मिलीभगत होती थी. फैक्ट्री मालिक प्रणय अनेजा के निर्देशन में एक ही बिल्टी पर 2 बार शराब लदी गाड़ी (एक बार बैध एवं एक बार अवैध रूप से) निकालने का काम शुरू किया गया, जिसमें एक्साइज विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता रहती थी.
घर पर दस्तावेज मंगाकर करता था साइन
अभियुक्त ने यह भी बताया कि जुलाई 2019 में उसकी एसएसएफ सहारनपुर प्रभार सहारनपुर में नियुक्ति हुई थी. 18 जनवरी 2021 को एसएसएफ सहारनपुर को मर्ज करके उसकी नियुक्ति प्रवर्तन दल-2 सहारनपुर में हुई थी. इसका मुख्य कार्य हरियाणा बार्डर पर चेकिंग करना था. 14 फरवरी 2021 को आबकारी आयुक्त सहारनपुर प्रभार सहारनपुर राकेश चतुर्वेदी के आदेशानुसार गागनीली आसवनी सहारनपुर के सहायक आबकारी आयुक्त रामकृत राम के पर्यवेक्षण में टपरी आसवनी के कार्यों को भी सम्पादित किये जाने का आदेश दिया गया था और राकेश चर्तुवेदी द्वारा निर्देश दिया गया था कि शराब निकासी प्रपत्र पीडी-25 पर हस्ताक्षर अपनी ड्यूटी स्थल पर ही मंगाकर कर दिया करें, फैक्ट्री जाने की आवश्यकता नहीं है.
उसने बताया कि फैक्ट्री के कर्मचारी शराब निकासी प्रपत्र पीडी-25 लेकर जब मेरे पास आते थे तो मैं निर्देशानुसार हस्ताक्षर बना देता था. प्रकरण से संबंधित पीडी-25 पर एक मार्च 2021 को मैंने अपने घर पर मंगाकर हस्ताक्षर किया था.