Bareilly News: फर्जी सीएमओ बनकर लाखों की ठगी, सॉफ्टवेयर इंजीनियर को बनाया अपना शिकार, दो गिरफ्तार
UP News: बरेली में ठगों ने एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को फर्जी सीएमओ बनकर उससे लाखों रूपये की वसूल की. पुलिस ने गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ कर रही है.
Bareilly News: ठगों ने अब वसूली करने का नया तरीका इजाद किया है. ठगों ने इस बार एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को अपना शिकार बनाकर लाखो रुपए वसूल लिए. फर्जी सीएमओ बनकर इस गैंग ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर को उसके सगे भाई की हत्या का आरोप लगाकर षड्यंत्र में फंसा कर जेल भेजने की धमकी देकर लाखों रुपए वसूल लिए. वही पुलिस ने फर्जी सीएमओ और उसके एक साथी को गिरफ्तार कर लिया है. मामला यूपी के बरेली का है.
दरअसल पूरा मामला इज्जतनगर थाना क्षेत्र का है. जहां मुंशी नगर निवासी सॉफ्टवेयर इंजीनियर को मयंक सक्सेना को ऐसा फंसाया कि वो इनके जाल में फंसते ही चले गए. एसपी सिटी राहुल भाटी ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि 25 अगस्त को क्षेत्राधिकारी नगर प्रथम को विला नंबर. 66 ग्रेटर निवासी राजेन्द्र कुमार सक्सेना द्वारा शिकायती प्रार्थना पत्र देकर पूरे मामले की जानकारी दी गई थी. जिसमें बताया गया कि बरेली की आईडी से लगातार फोन कर मुझे जेल भेजने की धमकी दी जा रही है तथा जेल जाने से बचने के लिए मोटी रकम की मांग की जा रही है.
दो आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार
इस सूचना पर क्षेत्राधिकारी नगर प्रथम द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य व पुलिस अधीक्षक नगर राहुल भाटी के निर्देश पर मामले की जांच की गई. प्राथमिक साक्ष्य मिलने पर वादी की तहरीर के आधार पर थाना कोतवाली में बीएनएस की कई धारा के तहत सोमपाल, राजकुमारी पत्नी सोमपाल , सुरजीत अन्य के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करवाया गया. प्रकरण की जांच व विवेचना हेतु टीम गठित कर एसओजी व सर्विलांस टीम को सक्रिय किया गया. जिसके फलस्वरूप गैंग के अभियुक्त सुरजीत व मिसिरयार को घटना में प्रयुक्त मोबाइल फोन व सिम के साथ गिरफ्तार किया गया.
क्या बोले एसपी सिटी राहुल भाटी
एसपी सिटी राहुल भाटी ने बताया की इस गैंग के अपराध करने का तरीका कुछ इस तरह था. गैंग के सदस्य आवश्यकता अनुरूप खुद को विभिन्न सरकारी विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के रूप में प्रस्तुत कर आम जनता के व्यक्तियों में से अपना शिकार बनाते थे. आरोपी फर्जी सिम कार्ड के माध्यम से उनकी गोपनीय/सामान्य जानकारियों के आधार पर उन्हें फोन कर धमकी दिया करते थे. वहीं विभिन्न मामलों में जेल भेजने, एफआईआर पंजीकृत कराने आदि की धमकी देकर अवैध रूप से डरा धमकाकर धन की वसूली करने के कार्य में लिप्त हैं.
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