बरेली: उत्तर प्रदेश में एक तरफ चुनावी हलचल लगातार तेज हो रही है वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में मुसलमानों का एक और संगठन बनकर तैयार हो गया है. पहले से ही आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड मौजूद है लेकिन अब मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ़ इंडिया का गठन हुआ है. बरेली में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ़ इंडिया की कार्यकारिणी की अहम बैठक हुई. बैठक में मुसलमानों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई. बैठक में आतंकवाद से लेकर बाबरी मस्जिद तक का जिक्र किया गया.
मुसलमानों की तालीम पर जोर-रजवी
बैठक के बाद बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने कहा कि 1947 से लेकर आज तक किसी भी राजनीतिक दल ने मुसलमानों के बारे में नही सोचा. जिस वजह से मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ़ इण्डिया अब मुसलमानों की तालीम पर जोर देगा. इसके साथ ही वक्फ की जिन मस्जिदों, मजारों, दरगाहों, मदरसों पर कब्जे है उन्हें मुक्त कराया जाएगा.
12 साल के बाद लड़की शादी के लायक-रजवी
इस दौरान रजवी ने सरकार के लड़कियों की शादी 18 से 21 साल के फैसले पर कहा कि इस्लाम मे 12 साल के बाद कभी भी शादी की जा सकती है. सरकार तो रोज कोई न कोई नया फैसला करती रहती है इसलिए कब तक उसके फैसले का स्वागत किया जाए.
वहीं बैठक में बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना यूसुफ़ अज़ीज़ी ने बरेली मंडल से आये लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि दहेज़ लेना और देना दोनों ही इस्लाम मे हराम है. इसके अलावा शादियो में फिजूलखर्ची भी नहीं करनी चाहिए.
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