इस तरीके के इस्तेमाल ने बरेली को बनाया कोरोना फ्री, सैंपलिंग के लिए सड़क पर घूम रही हैं मोबाइल वैन
यूपी का बरेली जिला कोरोना फ्री हो गया है। मोबाइल वैन सड़क पर घूमकर लोगों की सैंपलिंग ले रही है, जिसका फायदा भी बरेली में दिखाई दिया।
बरेली , एबीपी गंगा। जिला प्रशासन की सख्ती के चलते बरेली कोरोना फ्री हो चुका है। बरेली में नोएडा की सीजफायर कंपनी के कर्मचारी और उसके परिवार के छह सदस्य कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। जिसके बाद डीएम नीतीश रुमार ने परिवार के सभी सदस्यों को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया और उसके संपर्क में आए सभी लोगों की जांच करवाई गई। उन्होंने बताया कि जिस सुभाषनगर क्षेत्र में कोरोना के मरीज मिले थे, उसे सील कर दिया गया था। जिसके बाद अब बरेली पूरी तरह से कोरोना मुक्त हो चुका है। इसके बाद भी हर छोटी-बड़ी गतिविध पर नजर रखी जा रही है। देश के अलग-अलग राज्यों से पलायन करके बरेली आए साढ़े 14 हजार मजदूरों की पूर टेस्टिंग करवाई जा रही है।
बरेली कोरोना मुक्त भले ही हो गया है, लेकिन चुनौतियां और बढ़ गई हैं, क्योंकि हर बरेलीवासी का मन सशंकित है कि कहीं दोबारा कोई केस न निकल आए।संभावित अनहोनी से निपटने के लिए बरेली के जिलाधिकारी नीतीश कुमार ने एक अभिनव प्रयोग शुरू किया है, जो कि पूल सैंपलिंग का है। इसके अंतर्गत मोबाइल वैन खुद लोगों के समूहों का सैंपल ले रही है।इस शानदार पहल का सबसे बेहतरीन काम ये है कि मोबाइल वैन से लोगों का सैंपल स्वंय लिया जा रहा है।यानी कि इससे किसी को भी अस्पताल जाने की आवश्यकता ही नहीं रह गई। इससे दोहरा लाभ हो रहा है, एक तो वे लोग जो कोरोना का टेस्ट नहीं करा पाते, उनका टेस्ट हो रहा है और दूसरा सबसे बड़ा फायदा पूल टेस्टिंग का ये है कि कम्युनिटी स्प्रेड के खतरे को समय से पहले ही भांप लिया जाएगा।
जिलाधिकारी नीतीश कुमार के इस अभिनव प्रयोग की सभी प्रशंसा कर रहे हैं और आईसीएमआर की टीम भी बरेली के कोरोना मुक्त होने की रणनीति और नीति की सफलता देखने यहां आ रही है।जिलाधिकारी का इस बारे में दृष्टिकोण एकदम स्पष्ट है कि वह उन लोगों की जांच सबसे पहले कराना चाहते हैं, जो प्रतिदिन कई तरह के लोगों के संपर्क में आते हैं। मतलब सब्जी विक्रेता, दवाई विक्रेता और किराना के दुकानदार। आवश्यक सेवाओं में लगे इन लोगों के आसपास मोबाइल वैन जाकर उनकी सैंपलिंग लेने का काम कर रही है।
इस प्रकार की रैंडम मोबाइल सैंपलिंग की शुरुआत उत्तर प्रदेश में अभी तक केवल बरेली में ही शुरू हुई है। डीएम बताते हैं कि बरेली की सभी 1193 ग्राम पंचायतों और नगर निगम के 80 वार्डों में मोबाइल वैन यूनिट सैंपलिंग लेने का काम शुरू कर चुकी है। चूंकी आईवीआरआई में टेस्ट की सुविधा शुरू हो चुकी है, तो उसी दिन रिपोर्ट भी आ जाती है। उनके अनुसार, रैंडम पूल सैंपलिंग में किस व्यक्ति का सैंपल लिया जाएगा और किसना नहीं, ये मेडिकल टीम तय करती है। इसके लिए पूल ए और पूल बी टीमें तैयार की गई हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को कोरोना टेस्ट के लिए अस्पताल जाने की आवश्यकता न पड़े, यही उनकी कोशिश है।
गौरतलब है बरेली में 6 कोरोना के मरीज़ स्वस्थ हो चुके हैं और वर्तमान में कोई भी कोरोना का मरीज़ बरेली में नहीं है। डीएम बताते हैं कि इस प्रक्रिया से किसी भी क्षेत्र में कोरोना के संदिग्ध मरीज की पहचान आसान हो जाएगी। उनके अनुसार, पहले चरण में बरेली में 15-16 हजार लोगों की ट्रैकिंग का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उ
उनके अनुसार बाहर से आने वाले और उनके सम्पर्क में आने वाले और फिर सम्पर्क में आने वाले व्यक्ति केसम्पर्क में आने वाले लोगों को इसी पद्धति से ट्रैक कर लिया जाएगा।इस पद्धति से टेस्ट करने पर कम्युनिटी स्प्रेड की आशंका के लक्षण को समय से पहले ही पहचानने में सहूलियत हो सकती है। उन्होंने बताया कि किराना, दवा, सब्जी के दुकानदारों के अलावा मोबाइल वैन यूनिट संवेदनशील समूहों के सैंपल भी ले रही है। बरेली के कोरोना संक्रमित सुभाषनगर के अलावा उन क्षेत्रों में जहां पर आवश्यक सेवाओं के समान की आवाजाही होती है, वहां पर मोबाइल वैन यूनिट विशेष ध्यान दे रही है। यह कार्य समान रूप से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शुरू किया गया है। जिलाधिकारी ने बताया कि कोरोना की सैंपलिंग का कार्य 300 बेड वाले नए अस्पताल में शुरू किया गया है।
टेलीफोन से स्वास्थ्य सम्बंधी परामर्श के लिए डाक्टरों के निजी नंबरों का विज्ञापन भी प्रकाशित कराया गया है। साथ ही, कोरोना के मामलों की नित्य समीक्षा के लिए विकास भवन में कोरोना ट्रैकिंग केंद्र स्थापित किया गया है। इस केंद्र के मोबाइल नंबर 8318434955 पर भी कोरोना के संबंध में संपर्क किया जा सकता है। साथ ही, एमर्जेंसी की दशा में 108 पर भी फोन किया जा सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोरोना के टेस्ट की प्रचलित व्यवस्था के समानांतर अतिरिक्त रूप से पूल सैंपलिंग शुरू की गई है।
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