UP Crime News: धर्म छिपाकर शादी करने और इस्लाम कबूल नहीं करने पर पत्नी की हत्या मामले में अदालत का फैसला आ गया है. पति समेत तीन लोगों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. अदालत ने 9 वर्षीय बेटी की गवाही को फैसले का आधार माना. बरेली के युवक ने धर्म छिपाकर हिंदू रीति रिवाज से शादी की थी. बरेली के शीशगढ़ क्षेत्र निवासी इकबाल अहमद ने पहचान छिपाकर नाम राजू शर्मा रख लिया था. 2012 में इकबाल उर्फ राजू शर्मा ने सहारनपुर के देवबंद की निशा से शादी कर ली.


दोस्तों के साथ मिलकर की थी पत्नी की हत्या


इकबाल ने आधार कार्ड राजू शर्मा के नाम से बनवा रखा था. शादी के बाद इकबाल उर्फ राजू शर्मा निशा को लेकर शीशगढ़ में रहने लगा. इस बीच, निशा पर इस्लाम धर्म कबूल करने का दबाब बनाया जाता रहा. निशा को पति बहुत मारता पीटता था. निशा ने सबकुछ सहने के बाद भी धर्म परिवर्तन नहीं किया. 26 अक्टूबर 2021 को इकबाल उर्फ राजू शर्मा ने मोहम्मद यासीन और मिसरियार खान उर्फ मिश्रा के साथ मिलकर निशा की गला दबाकर हत्या कर दी.


पति समेत तीन लोगों को उम्रकैद की सजा


वारदात से पहले इकबाल उर्फ राजू शर्मा ने दोनों बेटियों को कमरे में बंद कर दिया था. पत्नी की हत्या के बाद आरोपी पति फरार हो गया. घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाया और मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी. एडीजीसी क्राइम सचिन जायसवाल ने बताया कि हमारी ओर से कुल 7 गवाह पेश किए गए. निशा की 9 वर्षीय बेटी की की गवाही पर अपर सत्र न्यायधीश तबरेज अहमद ने इकबाल अहमद, मोहम्मद यासीन और मिसरियार खान को आजीवन कारावास और 50-50 हजार जुर्माना से दंडित किया. उन्होंने बताया कि बेटी की गवाही पर पिता और दोनों दोस्तों को आजीवन कारावास हुई. 


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