बरेली, एबीपी गंगा। कभी अपने विधायक पिता राजेश मिश्रा को आदर्श बताने वाली साक्षी मिश्रा के तेवर अब बदल चुके हैं। वे अब 'अभि' की टाइग्रेस हो गई हैं। ये हम नहीं बल्कि खुद साक्षी अपने नए फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए कह रही हैं। साक्षी ने सोशल मीडिया पर अपना नया प्रोफाइल बना लिया है, जिसमें वे खुद को अभि यानी अजितेश की टाइग्रेस बता रही हैं। साक्षी ने अपना नया सोशल मीडिया अकाउंट सीनूअभि के नाम से बनाया है।
साक्षी मिश्रा ने इंस्टाग्राम पर 'सीनूअभि' के नाम से प्रोफाइल बनाया है। हालांकि, वो अभी भी अपने नए फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपने परिवार की पुरानी फोटो शेयर कर रही हैं।
वहीं, साक्षी ने अपने नए फेसबुक अकाउंट में खुद को मनमर्जी की क्वीन और पप्पू भरतौल की बेटी बताया है। जबकि, इंस्टाग्राम अकाउंट पर इंट्रो में लिखा, 'शख्सियत महकती है हमारी....अभि टाइग्रेस'। प्रोफाइल पिक्चर भी उन्होंने अजितेश के साथ लगा रखी है।
भले ही साक्षी बीते दिनों अपनी लाइफ और अपनी लव स्टोरी की विलेन अपने भाई को बना रही हों, लेकिन मंगलवार को उन्होंने रक्षाबंधन को लेकर एक पोस्ट किया है। जिसमें उन्होंने लिखा, 'भाई कभी I Love You नहीं बोलते, कभी प्यार से बात नहीं करते, लेकिन सच तो ये है कि पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा प्यार सिर्फ भाई ही करते हैं।'
साक्षी-अजितेश लव स्टोरी
बरेली से बीजेपी विधाय राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल की बेटी साक्षी मिश्रा (सीनू) की लव स्टोरी का मामला उस वक्त देश की मीडिया की सुर्खियां बन गया, जब साक्षी ने अपने प्रेमी अजितेश के साथ एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। जिसमें वो ये करती दिखीं कि उन्होंने अजितेश के साथ शादी कर ली है। जिस वजह से उन्हें अपने परिवार से जान का खतरा है और उन्होंने सुरक्षा की मांग की। देखते ही देखते ये वीडियो वायरल हो गया।
बता दें कि बीते तीन जुलाई को साक्षी अपने घर से अजितेश के साथ भाग जाती हैं। इसके बाद चार जुलाई को दोनों शादी कर लेते हैं। 11 जुलाई को दोनों का सोशल मीडिया पर वीडियो जारी होता है, जिसमें वे अपनी जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग करते हैं। इसमें वे अपने पिता राजेश मिश्रा, भाई विक्की भरतौल और पिता के करीबी राजीव राणा पर जान से जान का खतरा होने की बात करते हैं। 12 जुलाई को अजितेश और साक्षी ने मीडिया में आकर अपनी आपबीती सुनवाई। 14 जुलाई को दोनों को यूपी पुलिस ने प्रोटेक्शन दी और 15 जुलाई को इलाहाबाद होईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान दोनों की शादी को कानूनी करार देते हुए दो महीने में शादी रजिस्टर्ड कराने की बात कही।