UP News: बरेली (Bareilly) में मौलाना शहाबुद्दीन रजवी (Maulana Shahabuddin Razvi) ने मजलिस को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान (Pakistan) इस्लाम (Islam) के नाम पर बदनुमा दाग है. उन्होंने खैबर पख्तूनख्वा में आतंकवादी धमाके (Pakistan Blast) की निंदा की. उन्होंने कहा कि जोरदार धमाके में 50 से ज्यादा लोगों की मौत और 200 के करीब जख्मी हो गए हैं. बता दें कि मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. उन्होंने आतकंवाद को पाकिस्तान के लिए गंभीर चुनौती बताया. मौलाना ने आरोप लगाया कि स्थिति पाकिस्तान की खुद पैदा की हुई है. आतंकवादी गतिविधियों पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के नेताओं ने दुनिया की आवाज को अनसुना कर दिया. नोटिस लेने के बजाय चेतावनी देने वाले देशों को खरी खोटी सुनाई. मौलाना ने कहा कि पाकिस्तान इस्लाम के नाम पर बदनुमा दाग है.
पाकिस्तान में धमाके पर क्या बोले शहाबुद्दीन रजवी?
पैगम्बरे इस्लाम ने पूरी दुनिया को अम्न और शांति का पैगाम दिया मगर पाकिस्तान में ठीक विपरित हो रहा है. इस्लाम के उसूलों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. ऐसी सूरत में पाकिस्तान के धार्मिक और सियासी रहनुमाओं को इस्लाम का नाम लेने का हक नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान में मुसलमान अपने ही भाइयों का खून बहाने पर अमादा हैं. मौलाना के मुताबिक इस्लाम तो दरगुजर और माफ करने की शिक्षा देता है. पाकिस्तान में आतंक का बीज नर्सरी बन चुका है. फसलें अब आतंकवादी धमाकों की शक्ल में काटी जा रही हैं.
भविष्य में ज्यादा गंभीर नतीजे भुगतने की चेतावनी
उन्होंने आतंकवाद को बीमारी बताया. उन्होंने कहा कि हर बीमारी का इलाज होता है मगर पाकिस्तान इलाज करने के बजाय बीमारी को और परवान चढ़ा रहा है. उसका खामियाजा जगह जगह बम धमाकों की शक्ल में सामने आ रहा है. मौलाना ने कहा कि बम धमाके में मरने वाले बूढ़े-बच्चों और महिलाओं का क्या कसूर था? इससे पहले स्कूल बम धमाके में 100 बच्चे हलाक हुए थे. उनका क्या कसूर था? बलूचिस्तान बम धमाके में 2 दर्जन से ज्यादा लोग हलाक हुए. उन लोगों का क्या कसूर था? मुल्तान में मजार शरीफ को बम से उड़ाया गया. उस मजार ने कौन सा नुकसान पहुंचाया? उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि पाकिस्तानी नेता वक्त रहते आतंकवाद का खात्मा नहीं करेंगे तो भविष्य में ज्यादा गंभीर नतीजे भुगतने पड़ेंगे.