Bareilly Government School News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सरकारी स्कूलों को ऑपरेशन कायाकल्प का दावा किया. सरकार का दावा है कि उसने शिक्षा के स्तर को भी काफी हद तक सुधारा. इसके बावजूद अभी भी यूपी के हजारों स्कूल ऐसे हैं, जहां पर फर्नीचर की व्यवस्था तक नहीं है. बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं.


इतना ही नहीं स्कूल की इमारतें भी काफी जर्जर है जिसमें हमेशा जान का खतरा बना रहता है. बरेली जनपद के बरेली में 700 से अधिक ऐसे स्कूल हैं जहां पर फर्नीचर की व्यवस्था नहीं है जिस वजह से छोटे-छोटे बच्चे जमीन पर बैठने को मजबूर हैं.


बरसात में टपकता है पानी


बरेली के सुभाष नगर के नेकपुर शुगर मिल में स्थित प्राथमिक विद्यालय की बिल्डिंग काफी जर्जर है और बच्चे जमीन पर बैठ कर पढ़ने को मजबूर हैं. नेकपुर प्राथमिक विद्यालय की हालत ऐसी है जहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. इस स्कूल में खपड़ैल पड़ी हुई है. खपड़ैल में लगी बल्लियां भी गल गई है. बरसात के दिनों में पूरे स्कूल में पानी टपकता है.


इस स्कूल में सिर्फ 2 शिक्षक हैं और यहां करीब 70 से अधिक बच्चे पढ़ने आते हैं. जिस दिन सभी बच्चे आ जाते हैं उस दिन स्कूल में बैठने तक की जगह नहीं रहती है. सर्दियां शुरू हो चुकी है लेकिन इसके बावजूद सभी बच्चे जमीन पर एक साथ बैठकर पढ़ाई करते हैं.


इन बच्चों के अभिभावक इतने पैसे वाले नहीं हैं कि इन्हे कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ा सकें, जिस वजह से ये बच्चे सरकारी स्कूल में जान खतरे में डाल कर पढ़ने आते हैं. स्कूल की टीचर भी जर्जर स्कूल में पढ़ाने को मजबूर है. स्कूल की टीचर का कहना है कि ये सभी गरीब घरों के बच्चे हैं, हमारा मकसद है इन बच्चों को अच्छी शिक्षा दे सकें.


अधिकारी ने क्या कहा?


बेसिक शिक्षा अधिकारी विनय कुमार का कहना है कि जिन स्कूलों में फर्नीचर नहीं है, उसके लिए फर्नीचर की व्यवस्था की जा रही है. सभी विधानसभा बार उन स्कूलों की सूची बनाई गई है जिनके फर्नीचर नहीं हैं. इन स्कूलों में विधायकों से विधायक निधि के तहत फर्नीचर की व्यवस्था करवाई जायेगी. इसके अलावा जो स्कूल जर्जर बिल्डिंग में चल रहे हैं या किराए की बिल्डिंग में चल रहे हैं उन्हें शिफ्ट किया जाएगा.


UP News: 'गारंटी लेता हूं हिन्दू थे ओवैसी, बाबा के पिता का नाम था तुलसीदास', बीजेपी सांसद का विवादित बयान