यूपी के इस शहर में खुद ही मस्जिद तोड़ रहे हैं मुस्लिम समाज के लोग, जानें क्या है इसकी वजह?
Bareilly News: इस मामले में जांच करने पहुंची प्रशासन की टीम ने तालाब में खड़े पिलर पर पड़े लेंटर का निर्माण होना गलत पाया था और रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी थी. जिससे मुस्लिम समुदाय में बेचैनी बढ़ गई थी.
UP News: उत्तर प्रदेश के बरेली के मीरगंज में मुस्लिम समाज ने विवादों से बचने के लिए खुद पहल करते हुए तालाब की जमीन पर बनी अवैध मस्जिद के एक हिस्से को तोड़ना शुरू कर दिया. हालांकि मस्जिद के हिस्से को तोड़ने से पहले मुस्लिम समाज के लोग प्रशासन से मिले और खुद ही अवैध निर्माण को हटाने के लिए अपनी इच्छा जताई.
दरअसल बरेली के मीरगंज थाना क्षेत्र में तिलमास गांव में बनी तालाब की जमीन मस्जिद के बने होने की शिकायत दो दिन पहले एक्स द्वारा की गई थी. इसके बाद प्रशासन हरकत में आया था. प्रशासन ने राजस्व की टीम ने मौके पर जाकर नाप कराई तो पता चला कि मस्जिद का एक हिस्सा सरकारी तालाब की जमीन में है. एतिहातन गांव में पुलिस को तैनात कर दिया गया.
बताया जाता है कि विवाद के मामले में सोमवार को मुस्लिम समुदाय के आधा दर्जन लोग उप जिलाधिकारी के समक्ष पहुंचे थे और वार्ता कर नियमानुसार प्रशासन की मंशा भांपते हुए खुद ही तालाब में बने मस्जिद के अतिरिक्त हिस्से को तोड़ने पर सहमति जताई थी. जानकारी के मुताबिक मीरगंज के गांव तिलमास में बनी मस्जिद के पिछले हिस्से को सरकारी तालाब की जगह में बने होने की एक्स एकाउंट पर पोस्ट किया था जिसे लेकर तहसील प्रशासन से एसडीएम तृप्ति गुप्ता, तहसीलदार विशाल कुमार शर्मा और सीओ अंजनी कुमार तिवारी व एसएचओ सिद्धार्थ सिंह तोमर राजस्व टीम को लेकर जांच पड़ताल की थी.
जिलाधिकारी को भेजी रिपोर्ट
इस जांच के दौरान प्रशासन ने तालाब में खड़े पिलर पर पड़े लेंटर का निर्माण होना गलत पाया था और रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी थी. जिससे मुस्लिम समुदाय में बेचैनी बढ़ गई थी. इसके बाद से मुस्लिम समाज ने बाबा के बुल्डोजर और प्रशासन के सख्ती के चलते खुद मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ना शुरू कर दिया था. पिछले दो दिनों से मुस्लिम समाज खुद ही मस्जिद के अवैध हिस्से को हटा रहा है.
जमींदारों के द्वारा बनाई हुई है मस्जिद
वहीं ग्रामीण निसार का कहना है कि गांव तिलमास में जमींदारों के द्वारा बनाई हुई मस्जिद है जिसका पिछला हिस्से की दीवार तालाब किनारे थी. नमाजी लोग इसी तालाब में बजू आदि करते थे और तालाब की ओर सीढ़ियां लगी थीं. तालाब के पानी की वजह से पिछली दीवार जर्जर हो गई थी इसी वजह से तालाब के कुछ हिस्से में पिलर खडे़ करके लेंटर डाल दिया गया था. जिससे नमाजी लोग किसी तरह का जोखिम न उठाएं. जब शिकायत है तो हम खुद ही हटाने को तैयार हैं.
गांव में स्थिति सामान्य- एसडीएम
एसडीएम तृप्ति गुप्ता ने मीडिया को बताया कि गांव तिलमास में बनी मस्जिद के तालाब में बने अतिरिक्त ढांचे के मामले में मुस्लिम समुदाय के लोग उनसे मिले थे और उन्होंने खुद ही मजिस्द के तालाब में बने ढांचे को हटाये जाने पर अपनी सहमति जताई है. इस समय गांव में स्थिति सामान्य है.
(बरेली से भीम मनोहर की रिपोर्ट)
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