Bareilly News: बरेली विकास प्राधिकरण (Bareilly Development Authority) ने सरकारी जमीन पर बने 100 मकानों को जमींदोज कर दिया है. जबकि अभी भी 500 मकान और बीडीए के राडार पर है. जिन पर आने वाले कुछ दिनों में बुलडोजर चलना है. बीडीए ने 4 हेक्टेयर से अधिक जमीन को कब्जामुक्त कराया है, जिसकी कीमत करीब 100 करोड़ रुपये बताई जा रही है. बीडीए को अपनी जमीन को कब्जामुक्त कराने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. 3 दिनों तक बीडीए के बुलडोजर डोहरा रोड स्थित रामगंगा नगर आवासीय योजना पर गरजते रहे.
महिलाओं के गिड़गिड़ाने के बावजूद भी अधिकारी नहीं माने
इस दौरान बीडीए को काफी विरोध झेलना पड़ा. कई बार महिलाएं बुलडोजर के आगे आ गई जिन्हें वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने हटाया. महिलाएं बीडीए के अधिकारियों के सामने रोती रही, गिड़गिड़ाती रही लेकिन बीडीए के अफसरों ने उनकी एक भी नही सुनी और पूरी जमीन जो कब्जामुक्त करवा लिया गया. अभी तक बरेली विकास प्राधिकरण ने बिचपुरी गांव में अवैध कब्जा करके बनाये गए 100 मकानों को जमींदोज किया है जबकि अभी चंदपुर और डोहरिया गांव के 500 मकानों पर बुलडोजर चलना बाकी है. बीडीए इन मकानों में रह रहे लोगो को अब तक कई बार घर खाली करने के लिए नोटिस दे चुका है लेकिन अभी तक लोगो ने घर खाली नही किये है. जिसके बाद अब बीडीए पुलिस बल के साथ घरो को खाली करवाकर बुलडोजर चलवा रहा है.
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दरअसल बीडीए कई साल पहले इस जमीन का अधिग्रहण कर चुका है. जिन किसानो से जमीन खरीदी थी उनको उस दौरान उसका पेमेंट भी कर दिया गया था. लेकिन इस दौरान बीडीए ने उस जमीन और कब्जा नही लिया और इस बीच बीडीए के अफसरों की मिलीभगत से वहां निर्माण होते चले गए. जिन किसानो ने जमीन बेची थी उन्ही किसानो ने अन्य लोगो को जमींने बेच दी और लोगो ने वहां पर आलीशान मकान बना लिए. अब जब प्रदेश में योगी सरकार है तो बीडीए ने अपने काम मे काफी तेजी पकड़ी है और जमीन को कब्जामुक्त करवा रहा है.
'कब्जों को पूरी तरह हटाते हुए भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया'
बरेली विकास प्राधिकरण के अधीक्षक अभियंता राजीव दीक्षित ने बताया कि बीडीए की रामगंगा नगर आवासीय योजना के सेक्टर-01 (ब्रहम्पुत्र एंव साबरमती इन्कलेव) की अर्जित भूमि पर स्थित समस्त अवैध कब्जों को पूरी तरह हटाते हुए भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया, जिसकी कीमत लगभग 100 करोड़ रूपए है. इस कार्यवाही के दौरान प्राधिकरण की लगभग 4 हेक्टेयर आवासीय भूमि तथा लगभग 0.5 हेक्टेयर व्यवसायिक भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया. इन अवैध कब्जेदारों को बिना डाउन पेमेन्ट के 10 सालों में भुगतान करने की सुविधा भी प्रदान की गयी थी, जो लोग प्लाट लेने के इच्छुक नहीं थे, उन्हें बार-बार अनुरोध किया गया था कि वह अपनी वैकल्पिक व्यवस्था कर लें, ताकि अवैध कब्जों को हटवाकर आवंटियों को उन्हें आवटित भूखण्डों का कब्जा दिया जा सके.