Bareilly News: अदम गोंडवी का ये शेर "तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है" बरेली के परसाखेड़ा गौटिया में सच साबित होता दिखाई दे रहा है. आजादी के 76 वर्षों बाद भी गांव की सड़क नहीं बनी. मांग के लिए लोगों को सर्दी में नगर निगम गेट पर धरना देना पड़ा. रात में खुले आसमान के नीचे बैठने की वजह से परिवार की बच्ची को सर्दी लग गई. ठंग में एक साल की बच्ची बीमार पड़ गई. बच्ची को घर वाले डॉक्टर के पास ले गए. इलाज के दौरान मासूम ने दम तोड़ दिया. बच्ची की मौत से नगर निगम प्रशासन में हड़कंप मच गया.
आजादी के बाद अब तक गांव की नहीं बनी सड़क
आनन फानन अधिकारियों ने धरना दे रहे ग्रामीणों को आश्वासन दिया. मांग को शासन के पास ले जाने का आश्वासन मिलने पर ग्रामीणों ने धरना समाप्त कर दिया. परसाखेड़ा गौटिया निवासी हरीश चंद्र पत्नी और एक साल की बेटी समेत शुक्रवार सुबह ग्रामीणों के साथ नगर निगम गेट पर धरना देने गए थे. धरनास्थल पर रात में बेटी की तबियत बिगड़ गई. सुबह में पिता मासूम को लेकर गांव आ गए. गांव आने के बाद उन्होंने बीमार बच्ची को दिखाया. डॉक्टर ने बताया कि सर्दी लगने की वजह से बच्ची को निमोनिया हो गया है.
ग्रामीणों के साथ परिवार धरना देने को हुआ मजबूर
बच्ची को अच्छे डॉक्टर के पास ले जाने की सलाह दी गई. कुछ देर बाद बच्ची ने दम तोड़ दिया. बेटी विद्या की मौत से परिवार में कोहराम मच गया. आजादी के बाद से आज तक कई चुनाव हो चुके हैं. लेकिन विकास की गाड़ी परसाखेड़ा गौटिया गांव में अभी तक नहीं पहुंच सकी. लोगों का कहना है कि गांव से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है. ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर रेलवे ट्रैक क्रॉस करना पड़ता है.
सर्दी लगने से एक साल की बच्ची को हुआ निमोनिया
76 वर्षों के दौरान पटरी क्रॉस करते हुए 20 से अधिक ग्रामीण ट्रेन की चपेट में आकर जान गवां चुके हैं. नगर आयुक्त निधि गुप्ता वत्स का कहना है कि परसाखेड़ा की रोड के लिए शासन को पत्र लिखा गया था. शासन से सशर्त आदेश में वित्तीय स्थिति को देखते हुए आगे काम करने की सलाह दी गई थी. प्रक्रिया शुरू करने के दौरान गांव से सौ-डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर रिंग रोड गुजरने की जानकारी मिली.
मौत के बाद अधिकारियों ने लोगों को दिया आश्वासन
समीक्षा करने पर पता चला कि गांव की सर्विसलेन जा रही है. सर्विसलेन पर सरकारी रास्ता पहले से बना हुआ है. उन्होंने बताया कि एक व्यवस्था होने के बाद डुप्लीकेट रास्ता बनाना सरकारी धन की बर्बादी होगी. उन्होंने बताया कि धरना दे रहे ग्रामीणों को समझाया गया है. रिंग रोड का काम तेजी से शुरू हो रहा है. दोबारा से गांव को जोड़ने के लिए नई जमीन खरीदना सही नहीं होगा.