Bareilly News: राजापुर सीवन PHC में लगा रहा है ताला, प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं डॉक्टर, शिकायत पर CMO ने झाड़ा पल्ला
शिवगढ़ क्षेत्र के राजापुर सीवन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (Rajapur Siwan) में अक्सर ताला लगा मिलता है. अगर कभी खुलता भी है तो वह भी फार्मासिस्ट के सहारे. CMO ने भी जांच कराने की बात कर पल्ला झाड़ लिया.
UP News: यूपी सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने का लगातार प्रयास कर रही है. वहीं स्वास्थ्य महकमें के अधिकारी और कर्मचारी सरकार की मंशा पर पलीता लगाने में जुटे हुए हैं. करोड़ों रुपए खर्च करके सरकारी अस्पताल महज इसलिए बनाए गए कि गरीबों को स्वास्थ्य सुविधाएं सरलता से मुहैया हो सके लेकिन राजापुर सीवन (Rajapur Siwan) जैसे कई अस्पताल ऐसे हैं, जहां पर तैनात डॉक्टरों को शायद अस्पताल का रास्ता तक ना पता हो.
बरेली जनपद के शिवगढ़ क्षेत्र के राजापुर सीवन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अक्सर ताला लगा मिलता है. अगर कभी खुलता भी है तो वह भी फार्मासिस्ट के सहारे. इस मामले में सीएमओ वीरेंद्र सिंह ने मामला संज्ञान में ना होने की और जांच कराने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया.
अस्पताल में बंद रहता है ताला
शिवगढ़ विकासखंड क्षेत्र के राजापुर सीवन गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र करोड़ों रुपए की लागत से बनाया गया है. जिसका मुख्य उद्देश्य शिवगढ़ क्षेत्र की जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं सही समय पर मुहैया कराना था लेकिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राजापुर सिवान में अक्सर ताला लगा रहता है. सप्ताह में अगर एक भी दिन अस्पताल खुलता है तो फार्मासिस्ट के बदौलत. बतौर ग्रामीण जिस फार्मासिस्ट की तैनाती राजापुर सीवन में है उसकी तैनाती अन्य किसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी बताई जा रही है. स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राजापुर सीवन में तैनात डॉक्टर कभी आते ही नहीं. दूरदराज से लोग इलाज कराने की मंशा से अस्पताल पहुंचते तो हैं. लेकिन उन्हें बेरंग वापस होना पड़ता है क्योंकि अस्पताल में अक्सर ताला लगा मिलता है.
सेटिंग के बल पर डॉक्टर कर रहे प्राइवेट प्रैक्टिस
राजापुर सीवन जैसे कई अस्पताल ऐसे हैं जहां डॉक्टर आते ही नहीं या अस्पताल खुलता ही नहीं. अगर अस्पताल खुलता भी है तो चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी और फिर फार्मासिस्ट के भरोसे. इस बाबत जब भी स्वास्थ्य विभाग के किसी अधिकारी से बात की जाती है तो मामला संज्ञान में ना होने का और जांच कराकर कार्रवाई करने का आश्वासन मिल जाता है. जबकि दूरदराज क्षेत्रों में तैनात डॉक्टर अस्पतालों में ना पहुंचकर सेटिंग गेटिंग के बल पर कहीं दूसरी जगह प्राइवेट प्रैक्टिस करते हुए मिलते हैं. यह तो राजापुर सीवन का एक महज उदाहरण है. इस तरह न जाने कितने अस्पताल हैं जहां स्वास्थ्य सुविधाएं चरमरा चुकी है. स्वास्थ्य विभाग का महकमा सूबे के डिप्टी सीएम के पास होने के बावजूद स्वास्थ्य सुविधाएं रायबरेली में अपनी बदहाली के चरम पर है.
क्या बोले मुख्य चिकित्सा अधिकारी
इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीरेंद्र सिंह का कहना है कि राजापुर सीवन में एक डॉक्टर एक फार्मासिस्ट तैनात है. सर्विसेस दी जा रही हैं, जो शिकायत मिल रही है उसकी जांच करा कर जो भी कार्रवाई है की जाएगी. राजापुर सीवन में मरीजों का लोड ज्यादा है इसीलिए डॉक्टर की तैनाती की गई है. पीएचसी-सीएचसी पर कुछ डॉक्टरों के रुकने की व्यवस्था है. कुछ पर नहीं है तो ऑन कॉल डॉक्टर पहुंचते हैं.
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