Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली जनपद में एक दरोगा ने मुकदमे से नाम हटाने के नाम पर 5 लाख की रिश्वत मांगी और इस रिश्वत को ईएमआई पर 10 किस्तों में देने को कहा. इसके बाद दरोगा को 50 हजार की रिश्वत लेते हुए विजिलेंस की टीम ने रंगे हाथों धर दबोचा लिया. दरअसल यह पूरा मामला बरेली के जनपद का है. जहां उमेश उपाध्याय ने एक जगह खरीदने के लिए कुछ लोगों से कहा जिस पर उनको कुछ हरीश नाम के व्यक्ति ने झुमका तिराहे के पास जमीन दिखाई और 100 रुपये के स्टांप पर उनसे 5 लाख रुपये ले लिए.


वहीं जब उमेश उपाध्याय ने हरीश से जमीन का बैनामा कराने के लिए कहा तो वह उन्हें टरकाने लगे. इसके बाद उन्हें शक हुआ और उन्होंने जानकारी जुटाई. तो पता लगा की जिस हरीश ने उन्हें जमीन दिखाई वो उसकी नहीं है बल्कि वो नकली हरीश है और असली हरीश अग्रवाल कोई और है. 


दरोगा ने मांगी 5 लाख की रिश्वत
जब असली हरीश अग्रवाल को जब जानकारी हुई की उनकी जमीन का सौदा किसी ने कर दिया है तो उन्होंने अज्ञात में किला थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करवाया. मामले की जांच प्रेमनगर थाने को सौंपी गई जिस पर दरोगा राम अवतार ने ठगी का शिकार हुए उमेश उपाध्याय और उनकी पत्नी रेखा देवी का नाम मुकदमे में बढ़ा दिया और उन दोनों को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया. दरोगा ने दंपत्ति को धमकी दी की वो उन दोनों को जेल भेज देंगा. दरोगा ने उमेश उपाध्याय से कहा कि अगर जेल नहीं जाना चाहते हो और मुकदमे से नाम हटवाना चाहते हो तो 5 लाख रुपये रिश्वत देनी होगी. 


रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ाया दरोगा
 5 लाख रुपये एक बार में देने में उमेश ने असमर्थता जताई तो दरोगा ने उसका भी समाधान निकाल दिया. दरोगा ने कहा की 5 लाख रुपये 10 किस्तों में दे सकते हो. 50 हजार रुपये की दस ईएमआई बना देते है. जिसके बाद बहुत परेशान होकर उमेश उपाध्याय ने विजिलेंस एसपी अरविंद कुमार से मामले की शिकायत की. जिस पर विजिलेंस के अधिकारिओं ने पहली 50 हजार की रिश्वत लेते हुए दरोगा को धर दबोचा. विजिलेंस एसपी अरविंद कुमार ने बताया की पीड़ित उमेश उपाध्याय ने शिकायत की थी, जिसके बाद इस मामले में प्रेमनगर थाने के दरोगा राम अवतार को पचास हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है. 


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