UP News: शिक्षण संस्थानों में हिजाब (Hijab Row), बुर्का के बाद अब पगड़ी, कृपाण और कड़े पहनने पर विवाद खड़ा हो गया है. बरेली (Bareilly) के ईसाई मिशनरी (Christian Mission) के नामचीन स्कूल में शुक्रवार को पगड़ी, कृपाण और कड़े को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ. सिख समुदाय के लोगों के हंगामे के बाद स्कूल प्रबंधन ने अपनी गलती मानते हुए माफी मांगी, जिसके बाद मामला शांत हुआ. दरअसल, सेंट फ्रांसिस स्कूल (St. Francis School) ने सिख समुदाय के बच्चों को पगड़ी, कृपाण और कड़ा पहनने पर रोक लगा दी थी.
क्या बोले अभिभावक?
बारादरी थाना क्षेत्र के स्टेडियम रोड स्थित ईसाई मिशनरी का सेंट फ्रांसिस स्कूल है. ये स्कूल इंटर तक है. स्कूल में प्रार्थना के वक्त बच्चों को ये फरमान सुनाया गया कि सिख समुदाय के बच्चे पगड़ी, कृपाण और कड़े पहनकर नहीं आयेंगे. बच्चो ने ये बात घर जाकर अपने पेरेंट्स को बताई. जिसके बाद शुक्रवार की सुबह सिख समुदाय के सभी अभिभावक स्कूल पहुंचे और फिर जमकर हंगामा हुआ. स्कूल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. मौके पर बारादरी थाने की पुलिस भी पहुंची. वहीं सिख समुदाय के लोगों से एबीपी गंगा ने बात की तो उन्होंने कहा कि भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में सिख समुदाय के लोग पगड़ी, कृपाण और कड़ा पहनते हैं. कहीं भी इस पर रोक नहीं है. इससे हमारे धर्म को आघात पहुंचा है.
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क्या बोलीं प्रिंसिपल?
वहीं हंगामा होने के बाद स्कूल प्रबंधन ने अपनी गलती मानते हुए सभी अभिभावकों से माफी मांगी. इसाई मिशनरी के स्कूलों के यूपी-उत्तराखंड के प्रभारी विशप इंगनिशिस डिसूजा का कहना है कि स्कूल की सिस्टर प्रिंसिपल एन ई रोज ने सिख बच्चों से कड़े को लेकर स्पष्टीकरण मांगा था, जिस पर कुछ गलतफहमी हुई है. इसलिए मैं अपने सभी सिख समुदाय के लोगों से माफी मांगता हूं. हम शिक्षा, समाजसेवा के क्षेत्र में लोगों की सेवा करते हैं. वहीं स्कूल की प्रिंसिपल सिस्टर एन ई रोज का कहना है कि छोटे-छोटे बच्चे हैं. इसलिए उनसे छोटा कड़ा पहनकर आने को कहा था. इसके अलावा ऐसी कोई बात नहीं कही गई थी जिससे किसी के धर्म को ठेस पहुंचे.
वहीं स्कूल में एक और पेरेंट्स पहुंचे, जिन्होंने आरोप लगाया की उनकी बच्ची को तीसरी क्लास से चौथी क्लास में प्रमोट नहीं किया जा रहा है. उनसे 40 हजार रुपए फीस भी ले ली गई है. बच्चे से कहा जा रहा है कि कही और एडमिशन करवा लो. जिसको लेकर बच्चे के पेरेंट्स काफी परेशान है.
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