(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UP: केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट बोले- 'अग्निवीर से खतरा होता तो नहीं आते साढ़े सात लाख आवेदन', राहुल गांधी पर साधा निशाना
केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट ने अग्निवीर मामले में विपक्ष के आरोपों पर कहा कि अगर इस योजना से कोई खतरा होता तो इतनी बड़ी संख्या में नौजवानों के आवेदन नहीं आते.
UP News: केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट (Ajay Bhatt) एक कार्यक्रम में शिरकत करने बरेली (Bareilly) पहुंचे. यहां उन्होंने महंगाई (Inflation) से लेकर अग्निवारी (Agniveer) के मुद्दे पर अपनी राय रखी. अजय भट्ट ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि अगर अग्निवीर से खतरा होता तो साढ़े सात लाख आवेदन नहीं आते. वहीं, महंगाई को लेकर उन्होंने कहा कि इसे राजनीतिक मुद्दा बनाया जा रहा है ताकि पीएम नरेंद्र मोदी जिस रफ्तार से आगे बढ़ रहे है उस रफ्तार से आगे न बढ़ सकें.
अग्निवीर पर नौजवानों ने दे दिया जवाब - अजय भट्ट
बरेली के महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय पहुंचे केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने आज यहां पौधारोपण किया. इस दौरान अग्निवीर योजना पर राहुल गांधी के किए गए ट्वीट पर जवाब दिया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को कई चीजों का ज्ञान नहीं है. उन्होंने कहा, 'अग्निवीर के बारे में हमने कई देशों का अध्ययन किया. उसके बाद हम अग्निवीर ला रहे हैं. अग्निवीर से अगर खतरा होता तो साढ़े सात लाख आवेदन नहीं आते. जो लोग आरोप लगा रहे हैं उन्हें हमारे नौजवानों और बेटियों ने जवाब दे दिया है.'
बढ़ रही है जनसंख्या, संसाधन नहीं हैं उतने - अजय भट्ट
वहीं, महंगाई को लेकर अजय भट्ट ने कहा, ' हम 80 करोड़ लोगों को राशन दे रहे हैं. घर दे रहे हैं. थोड़ा बहुत परिवर्तन होता रहता है. जब से मोदी जी आए हैं तब से महंगाई पर लगाम लगाई है.' जनसंख्या बेतहाशा बढ़ रही है, लेकिन संसाधन उतने ही हैं. पहले बाहर से खाद्यान्न मंगाते थे. आज हम एक्सपोर्ट कर रहे हैं. ये नहीं देख रहे हैं कि आज विश्व में हम कितना आगे बढ़ गए हैं. महंगाई को राजनीतिक मुद्दा बनाया गया है ताकि मोदी जी जिस रफ्तार से आगे बढ़ रहे है उस रफ्तार से आगे न बढ़ सकें.' अजय भट्ट के साथ वन मंत्री डॉक्टर अरुण कुमार भी मौजूद थे. जब उनसे विभाग अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के लग रहे आरोपों को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमें लिखित में दे दीजिए, आगे कार्रवाई की जाएगी. दरअसल, आरोप है कि गाजीपुर से एक प्रधान ने सैकड़ों पेड़ काट दिए और डीएफओ ने सिर्फ जुर्माना लगाकर उन्हें छोड़ दिया.
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