UP Election 2022: Bareilly में 61.04 फीसदी हुआ मतदान, जानिए- कहां कितनी हुई वोटिंग और इसबार किन दिग्गजों की साख दांव पर
UP Election 2022: बहेड़ी में 72%, मीरगंज में 62%, भोजीपुरा में 67%, नबाबगंज में 63%, फरीदपुर में 60.80%, बिथरी चैनपुर में 62%, बरेली शहर में 54%, बरेली कैंट में 50.67, आंवला में 57.90% मतदान.
UP Assembly Election 2022: बरेली ( Bareilly) की सभी 9 विधानसभाओं में कल सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक शांतिपूर्ण तरीके से वोटिंग हुई. इस बीच कई जगह से ईवीएम (EVM) खराब होने की खबरे आईं तो कई जगहों पर लोगों ने विकास नहीं होने की वजह से मतदान का बहिष्कार भी किया. बरेली में 14 फरवरी 2022 को हुए विधानसभा चुनाव में सभी 9 विधानसभाओं में 61.04 प्रतिशत मतदान हुआ. बहेड़ी में 72%, मीरगंज में 62%, भोजीपुरा में 67%, नबाबगंज में 63%, फरीदपुर में 60.80%, बिथरी चैनपुर में 62%, बरेली शहर में 54%, बरेली कैंट में 50.67, आंवला में 57.90% मतदान हुआ.
बरेली में इन दिग्जजों की साख दांव पर
बरेली में 14 फरवरी 2022 को हुए विधानसभा चुनाव में पूर्व कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह, राजस्व मंत्री छत्रपाल सिंह गंगवार, सपा के पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार, पूर्व मंत्री शहजिल इस्लाम, पूर्व मंत्री अताउर रहमान, पूर्व सांसद व मंत्री प्रवीण सिंह ऐरन की पत्नी पूर्व मेयर सुप्रिया ऐरन चुनाव के मैदान में है और इन सभी की साख दाव पर है. हालांकि सभी दिग्गज अपनी अपनी जीत का दावा कर रहे हैं.
आंवला में दो विधायक आमने सामने
बरेली की आंवला विधानसभा में 2 विधायकों के आमने सामने आने से चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है. दोनों के बीच कड़ा मुकाबला भी दिखाई दे रहा है. दरअसल भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व मंत्री व विधायक धर्मपाल सिंह को एक बार फिर से मैदान में उतारा है तो वहीं समाजवादी पार्टी ने विधायक पंडित आर के शर्मा को आंवला से टिकट दिया है. दरअसल आर के शर्मा भारतीय जनता पार्टी से बदायूं की बिल्सी सीट से 2017 में चुनाव जीते थे जिसके बाद वे इसबार आंवला विधानसभा से टिकट मांग रहे थे. बीजेपी ने उन्हें आंवला से टिकट देने से इंकार कर दिया. जिस वजह से वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए. अखिलेश यादव ने उनको आंवला से समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी बनाया है.
सपा को इस वजह से हो रहा नुकसान
अब दोनों विधायकों के बीच इलाके में कड़ी टक्कर है और दोनों ही विधायक अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. हालांकि यहां चुनावी समीकरण बिगाड़ने का काम खुद समाजवादी पार्टी के नेता कर रहे हैं. यहां समाजवादी पार्टी के नेता जीराज सिंह यादव लंबे समय से टिकट की मांग कर रहे थे लेकिन उनको पार्टी ने टिकट नहीं दिया. इस वजह से वे आंवला विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में समाजवादी पार्टी ने उन्हें पार्टी से निष्कासित भी कर दिया है. जिराज सिंह का क्षेत्र में काफी अच्छा जनाधार है. ऐसे में इसका सीधा सीधा नुकसान समाजवादी पार्टी को होता दिख रहा है और यह सीट भारतीय जनता पार्टी के खाते में जाती दिख रही है.
कौन हैं धर्मपाल सिंह
अब देखना यह होगा कि यहां की जनता किसको चुनकर विधानसभा भेजती है. गौरतलब है कि पंडित आर के शर्मा पहला चुनाव बसपा से लड़े थे और आंवला विधानसभा से उनको जीत हासिल हुई थी. जिसके बाद वे दूसरा चुनाव 2017 में बदायूं के बिल्सी से बीजेपी से लड़े और जीत हासिल की. इस बार आरके शर्मा सपा में शामिल होकर आंवला से चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में देखना ये होगा कि जनता दलबदलू नेता पर कितना भरोसा करती है. आंवला की जनता के आशीर्वाद से 4 बार विधायक रहे धर्मपाल सिंह मूलत शिक्षक रहे है. जनसंघीय विचारधारा के धर्मपाल सिंह ने बाबरी विध्वंस से अपनी राजनीति को धार दी. 1996 में पहली बार निर्वाचित हुए धर्मपाल सिंह उत्तर प्रदेश सरकार में 3 बार मंत्री भी रह चुके हैं. धर्मपाल सिंह उदार छवि के नेता हैं. राजनीतिक मुकदमों को छोड़कर उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है. धर्मपाल सिंह पांचवी बार मैदान में है.
भोजीपुरा में मुकाबला त्रिकोणीय
बरेली की भोजीपुरा सीट पर योगेश पटेल के बसपा से चुनाव लड़ने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. भोजीपुरा से बहोरन लाल मौर्य बीजेपी विधायक हैं लेकिन क्षेत्र में उनका काफी विरोध हो रहा था. ऐसे में बीजेपी के ब्लॉक प्रमुख योगेश पटेल ने भी बीजेपी से टिकट के लिए आवेदन किया था लेकिन बीजेपी ने एकबार फिर से बहोरन लाल मौर्य पर भरोसा जताते हुए उन्हें टिकट दिया. जिस वजह से नाराज होकर ब्लॉक प्रमुख बसपा में शामिल हो गए और बसपा ने उन्हें भोजीपुरा से प्रत्याशी बनाया है. समाजवादी पार्टी ने पूर्व मंत्री शहजिल इस्लाम को मैदान में उतारा है. शहजिल इस्लाम इस सीट पर सबसे मजबूत प्रत्याशी हैं. दरअसल योगेश पटेल का क्षेत्र में काफी अच्छा जनाधार है जिस वजह से उन्हें क्षेत्र में अच्छे वोट मिलेंगे. जिसका पूरा फायदा सपा को तो नुकसान बीजेपी को होगा. फिलहाल जनता किसे चुनकर विधानसभा भेजती है ये तो 10 मार्च को ही पता चल सकेगा. हालांकि तीनों प्रत्याशी पूरे दम खम से क्षेत्र में लगे हुए हैं और अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. इस बार सभी 9 सीटों पर 97 प्रत्यासी मैदान में हैं.
बहेड़ी और मीरगंज में किसमें मुकाबला
इस बार बहेड़ी से बीजेपी ने राजस्व मंत्री छत्रपाल सिंह गंगवार पर एकबार फिर से भरोसा जताया है. समाजवादी पार्टी ने पूर्व मंत्री अताउर रहमान को प्रत्याशी बनाया है. कांग्रेस ने संतोष भारती को तो बसपा ने आसेराम गंगवार को प्रत्याशी बनाया है. बहेड़ी में समाजवादी पार्टी और बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला है. मीरगंज से बीजेपी ने एक बार फिर से विधायक डॉ डीसी वर्मा को प्रत्याशी बनाया है. यहां से समाजवादी पार्टी ने पूर्व विधायक सुल्तान वेग, बसपा ने भानू प्रताप सिंह गंगवार और कांग्रेस ने मोहम्मद इलियास को प्रत्याशी बनाया है.
भोजीपुरा और नवाबगंज में किसमें मुकाबला
बात करे भोजीपुरा सीट की तो यहां भी बीजेपी ने विधायक बहोरन लाल मौर्य पर भरोसा जताया है और उन्हें प्रत्याशी बनाया है. समाजवादी पार्टी ने पूर्व मंत्री शहजिल इस्लाम को प्रत्याशी बनाया है. बसपा से योगेश पटेल मैदान में है, जबकि कांग्रेस से सरदार खान मैदान में है. इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है. यहां बीजेपी, सपा और बसपा के बीच कड़ा मुकाबला है. नबाबगंज से बीजेपी ने डॉ एमपी आर्य को टिकट दिया है. यहां के विधायक केसर सिंह की कोरोना से मौत हो गई थी. वहीं सपा ने पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार, बसपा ने मोहम्मद यूसुफ और कांग्रेस ने ऊषा गंगवार को टिकट दिया है.
फरीदपुर और बिथरी चैनपुर में किसमें मुकाबला
फरीदपुर में बीजेपी ने एक बार फिर से विधायक प्रोफेसर श्याम बिहारी लाल को प्रत्याशी बनाया है. सपा ने पूर्व विधायक विजय पाल सिंह, बसपा ने शालिनी सिंह और कांग्रेस ने विशाल सागर को टिकट दिया है. बिथरी चैनपुर में बीजेपी ने विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल की जगह आर्थोपेडिक सर्जन डॉ राघुवेन्द्र शर्मा को मैदान में उतारा है. समाजवादी पार्टी ने यहां से अगम मौर्या और कांग्रेस ने अलका सिंह जबकि बसपा ने यहां से आशीष पटेल को मैदान में उतारा है.
बरेली शहर में किसमें मुकाबला
बरेली शहर से बीजेपी ने एक बार फिर से डॉ अरुण कुमार सक्सेना पर भरोसा जताते हुए चुनाव मैदान में उतारा है. डॉ अरुण हैट्रिक लगाने की तैयारी में हैं. शहर सीट पर 1985 से बीजेपी का कब्जा है, ऐसे में किसी भी पार्टी के लिए इस सीट पर जीत हासिल करना किसी चुनौती से कम नहीं है. समाजवादी पार्टी ने यहां से 25 साल से नगर निगम की सत्ता सम्हाल रहे पार्षद राजेश अग्रवाल को टिकट दिया है, कांग्रेस ने यहां से कृष्ण कांत शर्मा को टिकट दिया है, जबकि बसपा से ब्रम्हानंद शर्मा को टिकट दिया है.
बरेली कैंट से बीजेपी ने राजेश अग्रवाल की जगह संजीव अग्रवाल को प्रत्याशी बनाया है. यहां समाजवादी पार्टी से सुप्रिया ऐरन मैदान में है, जबकि कांग्रेस से हाजी इस्लाम बब्बू और बसपा से अनिल बाल्मीकि मैदान में है. आंवला में बीजेपी ने विधायक धर्मपाल सिंह पर फिर से भरोसा जताया है और उन्हें प्रत्याशी बनाया है. यहां से समाजवादी पार्टी के विधायक पंडित आरके शर्मा मैदान में है. आरके शर्मा बीजेपी से 2017 में बदायूं के बिल्सी विधानसभा से चुनाव जीते थे और इसबार वो आंवला से बीजेपी से टिकट मांग रहे थे.
बीजेपी ने आरके शर्मा को जबकि आंवला से टिकट देने से इंकार कर दिया तो आरके शर्मा साइकिल पर सवार हो गए और सपा ने उन्हें आंवला से टिकट दे दिया. यहां से बसपा ने लक्ष्मण प्रसाद लोधी को टिकट दिया है जबकि कांग्रेस ने ओमवीर यादव को टिकट दिया हैं. यहां से समाजवादी पार्टी से टिकट नहीं मिलने से नाराज जिराज सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं जिनके लड़ने का फायदा सीधा सीधा बीजेपी को होता दिख रहा है.
बरेली में कल 6 बजे तक 61.04 प्रतिशत मतदान
बहेड़ी में 72%
मीरगंज में 62%
भोजीपुरा में 67%
नबाबगंज में 63%
फरीदपुर में 60.80%
बिथरी चैनपुर में 62%
बरेली शहर में 54%
बरेली कैंट में 50.67
आंवला में 57.90%
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