Bareilly: नेत्रहीन नहीं दे पाया 100 रुपये तो आगबबूला लेखपाल ने भूमाफिया घोषित कर पलटवाई खड़ी फसल, निलंबित
नेत्रहीन महेन्द्रपाल के पास केवल 20 रुपये थे इसलिए उन्होंने लेखपाल को 20 रुपये दे दिए जिस पर लेखपाल आगबबूला हो गया और उसने खसरा की नकल फाड़ दी. उन्होंने मुख्यमंत्री से इक्षामृत्यु की मांग की है.
सीएम योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद भी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अलग अलग जिलों से भ्रष्टाचार की खबरें लगातार सामने आ रही हैं. ताजा मामला बरेली (Bareilly) के मीरगंज का है जहां जन्म से नेत्रहीन एक व्यक्ति ने जब खसरा बनवाने के लिए लेखपाल को 100 रुपये नहीं दिए तो लेखपाल ने उसकी फसल पलटवा दी और उसे भूमाफिया घोषित कर दिया. इसके बाद नेत्रहीन व्यक्ति ने मुख्यमंत्री से इक्षामृत्यु की मांग की है.
खसरा की नकल फाड़ दिया
मीरगंज के सुल्तानपुर गांव निवासी महेंद्र पाल सिंह आंखों से देख नहीं सकते हैं. वे जन्म से ही नेत्रहीन हैं. नेत्रहीन महेंद्र पाल सिंह ने खसरा की नकल लेखपाल मोरपाल गंगवार से मांगी तो उसने उनसे 100 रुपये मांगे. महेन्द्रपाल के पास केवल 20 रुपये थे इसलिए उन्होंने लेखपाल को 20 रुपये दे दिए जिस पर लेखपाल आगबबूला हो गया और उसने खसरा की नकल फाड़ दी.
खड़ी फसल पलटवा दी
इसके बाद लेखपाल ने महेंद्र सिंह की खड़ी फसल भी पलटवा दी जिसके बाद महेन्द्रपाल काफी परेशान हो गए. उनका कहना है कि वो भुखमरी की कगार पर हैं ऐसे में जब उनकी सुनवाई नहीं हो रही है तो उन्होंने मुख्यमंत्री से इक्षामृत्यु की मांग की है. उन्होंने मुख्यमंत्री पोर्टल पर इक्षामृत्यु के लिए प्रार्थना पत्र दिया है.
लेखपाल निलंबित हुआ
मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचने के बाद बरेली से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मच गया. डीएम के आदेश पर एसडीएम मीरगंज वेदप्रकाश मिश्रा फौरन मौके पर मामले की जांच करने पहुंचे. एसडीएम ने पीड़ित महेंद्र पाल सिंह के बयान भी दर्ज किए और लेखपाल को निलंबित कर दिया गया. वहीं महेंद्र पाल सिंह का राशन कार्ड बनाने के भी आदेश दिए गए हैं.
एसडीएम ने क्या कहा
बरेली के अपर जिलाधिकारी प्रशासन वीके सिंह ने बताया कि मामला जानकारी में आने के बाद मौके पर भेजकर छानवीन करवाई गई है. इस मामले में लेखपाल की लापरवाही सामने आने पर उसे निलंबित कर दिया गया है साथ ही विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी.
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