Bareilly: यूपी में अब फोन पर घर बैठे होगा जानवरों का इलाज, एक घंटे में किसानों के घर पहुंचेगी मोबाइल वैन
जानवरों के इलाज के लिए प्रदेश में 1862 टोल फ्री नम्बर की शुरुआत की गई है. किसानों के फोन करने पर एक घण्टे के अंदर मोबाइल वैन घर पहुंच जाएगी, जिसमें एक डॉक्टर, दो कम्पाउंडर, एक ड्राइवर रहेगा.
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की सबसे बड़ी आवारा पशुओं की समस्या से किसानों को राहत मिलने वाली है. योगी सरकार ने इसके लिए पूरा खाका तैयार कर लिया है और जमीनी स्तर पर उसपर काम भी शुरू हो गया है. इतना ही नहीं जानवरों की बीमारी के इलाज के लिए किसानों के घर तक मोबाइल वैन पहुंचेगी. यह जानकारी पशुधन, दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह (DharmPal Singh) ने दी. धर्मपाल सिंह ने बरेली (Bareilly) में डीएम समेत जिले के सभी अफसरों के साथ मीटिंग की.
मंत्री ने क्या कहा
मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि एक साल के अंदर सड़कों पर आवारा पशु दिखाई नहीं देंगे. उनके लिए गौशालाएं बनाई जा रही हैं. इसके साथ ही एक कंपनी डेढ़ रुपये किलो गोबर खरीदकर उससे सीएनजी बनाएगी. इसकी शुरुआत बरेली से की जाएगी. इसके साथ ही जानवरों के इलाज के लिए पूरे प्रदेश में 1862 टोल फ्री नम्बर की शुरुआत की गई है जिसपर किसानों के फोन करने पर एक घण्टे के अंदर मोबाइल वैन उनके घर पहुंच जाएगी, जिसमें एक डॉक्टर, दो कम्पाउंडर और एक ड्राइवर मौजूद रहेगा. ये जानवर का इलाज वहीं पर करेगें. अगर जानवर ज्यादा गंभीर है तो उसे अस्पताल ले जाया जाएगा. इसके साथ ही भूसा बैंक भी बनने शुरू हो गए हैं.
भूसा बैंक की व्यवस्था
मंत्री ने मण्डलीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि गौशालाओं में जितने भी गौवंश हैं, उनके लिये पूरे वर्ष की खपत के हिसाब से भूसा बैंक की व्यवस्था की जाये. उन्होंने कहा कि गौशालाओं में गौवंशों के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी, विद्युत, छांव, हरा चारा आदि की व्यवस्था की जाए. उन्होंने मण्डलीय पशु मुख्य चिकित्साधिकारी और ब्लॉक स्तर पर तैनात डाक्टरों को निर्देश दिये कि वे जनप्रतिनिधियों से सम्पर्क कर भूसा इकट्ठा करने का प्रयास करें. जनप्रतिनिधियों से कहा कि गौशालाओं में संरक्षित गायों के लिए कम से कम 10 कुन्तल भूसा देकर सहयोग करें.
पशुओं की स्वास्थ्य जांच
मंत्री ने ब्लाक प्रमुखों से भी कहा कि 5 कुन्तल भूसा गौशालाओं में दान देकर सहयोग करें. देसी गायों की नस्ल को बढ़ाया जाये. उन्होंने कहा कि देसी गाय का दूध अधिक पौष्टिक और लाभदायक होता है. मण्डलीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि निराश्रित गौवंश छुट्टा घूमता हुआ न दिखाई दे. उनको संरक्षित कर गौशालाओं में रखा जाये. धर्मपाल सिंह ने कहा कि संरक्षित गायों को धूप, बरसात, लू से बचाने के लिए अधिक से अधिक प्रयास किया जाये. उन्होंने पशु चिकित्सा अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि समय समय पर संरक्षित गौवंशों और पशुओं के स्वास्थ्य की जांच की जाए और बीमार पशुओं का इलाज किया जाये.
टीकाकरण किया जाये-मंत्री
मंत्री ने कहा, संरक्षित गौवंशों का समय से टीकाकरण भी किया जाये. धर्मपाल सिंह विकास भवन में निराश्रित गौवंश संरक्षण, संक्रामक रोग निवारण के सम्बन्ध में बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. बैठक में राज्यमंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के डा. अरुण कुमार सक्सेना, महापौर डा. उमेश गौतम, विधायक मीरगंज डॉ डी.सी.वर्मा, विधायक बिथरी चैनपुर डॉ राघवेन्द्र शर्मा, ब्लाक प्रमुख सहित मुख्य विकास अधिकारी चन्द्र मोहन गर्ग, निदेशक रोग नियन्त्रण डा. जीवन दत्त सहित बाकी मण्डलीय अधिकारी उपस्थित रहे.
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