Uttar Pradesh News: अयोध्या (Ayodhya), काशी (Kashi) और मथुरा (Mathura) की तरह बरेली में भी नाथ नगरी कॉरिडोर (Nathanagri Corridor) बनाया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के निर्देश पर बरेली की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक विरासत को युवा पीढ़ी से रूबरू कराने और आध्यात्मिक पर्यटन (Spiritual Tourism) को बढ़ावा देने के लिए नाथ नगरी कॉरिडोर बनाया जा रहा है. कमिश्नर बरेली संयुक्ता समद्दार, वीसी बीडीए जोगिंदर सिंह ने अधिकारियों के साथ बरेली के सातों नाथ मंदिरों का निरीक्षण कर संभावनाएं तलाश की. उन्होंने भगवान आशुतोष की पूजा अर्चना की. बरेली के नाथ मंदिरों को जोड़ते हुए 36 किलोमीटर लंबा टूरिज्म सर्किट बनाया जाएगा. बरेली की कमिश्नर संयुक्ता समद्दार ने इसको लेकर कार्य योजना तैयार कर ली है.


टूरिज्म सर्किट में मंदिरों की परिक्रमा के लिए मिनी इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी. इनके जरिए श्रद्धालु सातों नाथ मंदिरों की परिक्रमा कर सकेंगे. मंदिर को आने जाने वाले रास्ते पर शानदार फर्राटा भरने वाली चमचमाती सड़कें बनाई जाएंगी. मंदिर के आसपास पिंक टॉयलेट्स बनेंगे, पार्किंग बनाई जाएगी. महाभारत कालीन बरेली के नाथ मंदिरों के इतिहास और उनकी आध्यात्मिक, सांस्कृतिक पहचान को दर्शाते हुए साइन बोर्ड लगाए जाएंगे. नाथ शिव मंदिरों की दैवीय आभा से स्थानीय और विदेशी पर्यटक भी आकर्षित होंगे. इससे एक और आध्यात्मिक पर्यटन बढ़ेगा, वहीं दूसरी ओर रोजगार के अवसर भी तेजी से विकसित होंगे.


क्या क्या होगी व्यवस्था
कमिश्नर संयुक्ता समद्दार के साथ क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी बृजपाल सिंह, बरेली विकास प्राधिकरण के सेक्रेटरी योगेंद्र कुमार ने भी सातों मंदिरों की परिक्रमा की. प्रसाद योजना के तहत इन मंदिरों के आसपास सौंदर्यीकरण कर उन्हें विकसित किया जाएगा. आने-जाने वाले रास्तों पर भव्य लाइटें और साइन बोर्ड लगाकर उनकी सुंदरता को निखारा जाएगा. मंदिर आने जाने वाले रास्तों पर बस स्टॉपेज बनाए जाएंगे, जहां से लोगों को बसों में चढ़ाया और उतारा जाएगा. कमिश्नर संयुक्ता समद्दार ने बताया कि प्रसाद योजना के तहत मंदिरों और उसके आसपास जलभराव दूर करने के लिए सड़क, पाथवे और पार्किंग बनाई जाएगी ताकि मंदिरों में आने वाले श्रद्धालु आसानी से पूजा-अर्चना और परिक्रमा कर सकें. सुरक्षा की दृष्टि से मंदिरों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे.


कौन कौन से हैं मंदिर
नाथ नगरी के मुख्य सात प्राचीन शिव मंदिर हैं. नाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए बाहर से भक्त आते हैं. अलखनाथ मंदिर किला उत्तर दिशा में है. मढ़ीनाथ दक्षिण, धोपेश्वर नाथ मंदिर कैंट पूरब में बनखंडी नाथ पश्चिम में है. इसके अतिरिक्त प्रेमनगर में त्रिवटी नाथ मंदिर शहर के मध्य में, तपेश्वर नाथ मंदिर सुभाषनगर, गोपाला सिद्ध मंदिर क्यारा ब्लॉक में स्थित है. पीलीभीत बाईपास पर रुहेलखंड विश्वविद्यालय के पास पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल की तर्ज पर विकसित किया गया है. अलखनाथ मंदिर का इतिहास 930 साल से ज्यादा पुराना है.


वनखंडी नाथ मंदिर का निर्माण द्वापर युग में माना जाता है. धोपेश्वर नाथ मंदिर त्रेतायुग में और मढ़ीनाथ मंदिर की स्थापना महाभारत कालीन 5000 वर्ष से पुरानी मानी जाती है. इसकी स्थापना पांडवों ने वनवास के दौरान की थी. इन सभी नाथ सर्किट के मंदिरों को जोड़ते हुए यहां मोटर वाहन, सड़क कनेक्टिविटी, साइकिल, पथ वे एवं हेरिटेज वॉक प्रस्तावित किए गए हैं. इसके अलावा साइन बोर्ड, सिगनेचर गेट, लाइट एंड साउंड के शो भी प्रस्तावित किए जाएंगे. संबंधित विभागों एवं प्रमुख अधिकारियों की बैठक कर नाथ नगरी कॉरिडोर योजना को मूर्त रूप दिया जा रहा है.


धर्म गुरुओं में खुशी
वहीं नाथ नगरी कॉरिडोर बनने से धर्म गुरुओं में काफी खुशी है. पंडित सुशील पाठक का कहना है कि मैं इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद देता हूं. उन्होंने बरेली में नाथ नगरी बनाने का जो निर्णय लिया है वह सराहनीय है क्योंकि बरेली में जो सात नाथ हैं वह द्वापर, त्रेता और महाभारत कालीन युग के हैं. सभी शिवलिंग स्वयंभू प्रकट हुए हैं. यहां देश-विदेश से हर साल हजारों श्रद्धालु सातों नाथों के दर्शन करने के लिए आते हैं.


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