बसंत पंचमी को ज्ञान और नव उत्सव का पर्व माना जाता है। इस दिन बुद्धि और विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है। इस दिन खास स्कूल और कॉलेजों में भी मां सरस्स्वती की आराधना की जाती है और पूजा स्थल को पीले रंग के फूलों और वस्त्रों से सजाया जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था और इस वजह से इस दिन उनकी पूजा की जाती है। सरस्वती को ज्ञान, कला और संगीत की देवी माना जाता है।


पीले रंग को माना जाता है शुभ
बसंत पंचमी के दिन पीला रंग पहनना शुभ माना जाता है, इसके पीछे दो कारण महत्वपूर्ण माने जाते हैं। पहला बसंत को ऋतुओं का राजा माना जाता है। बसंत पंचमी के दिन से ठंड खत्म होने लगती है और मौसम सुहावना होने लगता है। हर तरफ पेड़-पौधों पर नई पत्तियां, फूल-कलियां खिलने लग जाती हैं। धरती के इस बदले हुए स्वरूप का स्वागत लोग पीले कपड़े पहनकर करते हैं। वहीं, दूसरी मान्यता के अनुसार बसंत पंचमी के दिन सूर्य उत्तरायण होता है और उसकी पीली किरणें इस बात का प्रतीक होती हैं कि जीवन में भी सूर्य की तरह गंभीर और प्रखर बनना चाहिए।



पूजा का शुभ मुहूर्त
बसंत पंचमी की पूजा का शुभ मुहूर्त ज्योतिष के हिसाब से 29 जनवरी 2020 बुधवार को सुबह 10:47:38 से दोपहर 12:34:23 बजे तक है। लेकिन, बसंत पंचमी अगले दिन यानी कि 30 जनवरी तक रहेगी।



कैसे करें पूजा
बसंत पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए। स्नान करने के बाद पीले वस्त्र धारण करना चाहिए। बसंत पंचमी की पूजा के लिए खास पीले रंग के फूलों को ही चुनें। पूजा घर की साफ-सफाई के बाद पीले रंग का कपड़ा भगवान की चौकी पर बिछाएं इस पर माता सरस्वती की मूर्ति स्थापित करें।



मां सरस्वती से करें प्रार्थना
पीले रंग के फूलों से मां का श्रृंगार करें और सभी देवी-देवताओं को भी पुष्प अर्पित करें। हाथ जोड़कर मां सरस्वती से प्रार्थना करें कि वो आपको बुद्धि और विवेक दें ताकि जीवन में ज्ञान का संचार हो सके।