Basti News: बस्ती में नहर कटान से किसानों की 25 बीघा से अधिक की फसल का नुकसान हो गया. किसानों ने कहा कि हमने बड़ी ही मेहनत से भरण पोषण के लिए अपने जीने खाने के लिए इंतजाम किया था लेकिन उस पर भी विभागीय अधिकारी की लापरवाही से मेहनत पर पानी फिर गया और लाखों की फसल जलमग्न होकर बर्बाद हो गई. सूचना पर पहुंचे लेखपाल ने स्थलीय निरीक्षण कर जलमग्न फसल का मूल्यांकन की किया.
बनकटी ब्लॉक के पिपरा महादेवा ग्राम के बीच बह रही सरयू नहर के रजवाहा गाँव में नहर काटने से कई किसानो के खेत में पानी भर गया. वहीं फसल में पानी लगने के कारण 25 बीघा से ज्यादा फसल बर्बाद हो गई. आकस्मिक आपदा आने से किसान सदमे में है. किसानों का कहना है की समय के फसलों को पानी की कम जरूरत होती है. अगर इनके खेतो में पानी भरा रहा तो कुछ ही दिनों में उसमे लगे फ़सल पूरी तरह से बर्बाद हो जायेगी.
किसानों ने की मुआवजे की मांग
वहीं जब किसानों के खेतों में नहर का पानी गया तो किसी तरह से वे सभी पानी को खेत मे जाने से रोकने का काफी प्रयास किया, फिर भी नहर का पानी नही रुका. उसके बाद किसानों ने सिचाई विभाग को सूचित किया. किसानों ने बताया कि सूचना देने के घंटों तक वहां पर विभाग का कोई भी आदमी नही पहुँचा. किसान अपने फसलो को पानी से बचाने के लिए घंटो तक प्रयास करते रहें. कई घंटो के बाद विभाग के लोग वहां पहुंचे उसके बाद नहर की मरम्मत कर खेतो में पानी जाने से रोका. किसानों ने फसल बर्बाद होने पर सरकार से मुआवजे की मांग की है.
बर्बाद हुई किसानों की फसल
पीड़ित किसानो का कहना है की नहर का बाँध टूटने से हम सभी के खेतों में पानी भर गया. इससे 25 बीघा से अधिक फसलो का नुकसान होगा है. हम सब गरीब व छोटे किसान हैं. वहीं, किसानों ने नहर के ठेकेदार और विभाग पर आरोप लगाया कि ये लगातर नहर में पानी छोड़ रखते है और सालो साल नहर की कोई मरम्मत नही करते है. हम सभी किसानों काफी ज्यादा नुकसान हुआ है. हमारा पूरा फसल बर्बाद हो गया.
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