Basti News: उत्तर प्रदेश के बस्ती से एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसे सुनकर आपका भी कलेजा पसीज जाएगा. यहां 5 साल की बच्ची के दोनों किडनी खराब हो चुकी है, माता और पिता गुड़िया के इलाज में पूरी ताकत के साथ घर का सारा कीमती सामान तक बेच दिया. पिता अपनी बेटी से इस कदर बेइंतहा प्यार करते है कि उन्होंने दो साल से सफाई का काम तक छोड़ दिया है. वहीं दिल्ली के एम्स में अनवरत इलाज करवा रहे है. अब गुड़िया के इलाज के लिए मेडिसिन की जरूरत है जिसका मूल्य इतना भारी भरकम है कि उसका एक प्रतिशत भी गुड़िया के पिता पंकज उठा पाने में सक्षम नहीं है.
गुड़िया और उसका परिवार बनकटी ब्लाक के देवमी गांव के रहने वाली है, पंकज की आर्थिक स्थिति बेहद खस्ता है. दिल्ली में वह प्राइवेट संस्था में सफाई का काम करता था, इस दौरान जब उसे बेटी की बीमारी की जानकारी हुई तो वह नौकरी छोड़ कर गुड़िया के इलाज में जुट गया, लगभग एक साल से वह लगातार गुड़िया का इलाज करवा रहा है. मगर जब इलाज में सारे पैसे खर्च हो गए तो वह थक हार कर और किस्मत पर सारा कुछ छोड़ते हुए वापस गांव आ गया है.
क्या बोले गुड़िया के पिता
गुड़िया के पिता पंकज ने बताया कि बेटी के इलाज में वे पूरी तरह से टूट चुके है, सरकार की किसी योजना का लाभ उन्हें बेटी के इलाज में नहीं मिला, गुड़िया की दोनों किडनी फेल है, जिस कारण गुड़िया डायलिसिस पर जीवित है और एक उचित उम्र और समय के बाद डॉक्टर गुड़िया की किडनी ट्रांसप्लांट करेंगे, मगर इससे पहले एम्स के डॉक्टरों ने गुड़िया के इलाज के आठ लाख रुपए की मेडिसिन का बजट बनाया है, जब पंकज इतनी बड़ी रकम की व्यवस्था करने में सक्षम नहीं हो पाया तो वह वापस घर आ गया.
इलाज के अभाव में लगातार फूलता जा रहा शरीर
ग्राम प्रधान की तरफ से पंकज की मदद का पूरा आश्वासन दिया गया और आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे है. इसके अलावा पंकज को जरूरत पड़ने पर वे उसकी आर्थिक सहायता भी करते है. पंकज की बेबस बेटी गुड़िया का शरीर इलाज के अभाव में लगातार फूलता जा रहा है और दिन ब दिन वह मौत की तरफ बढ़ रही है.
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