बस्ती: वर्ष 2016 में उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा भर्ती चयन बोर्ड से चयनित 72 सहायक अध्यापक को विभिन्न कॉलेजो में जून माहीने में ज्वाइन तो करवा दिया गया लेकिन अभिलेखों की जांच में लापरवाही करने पर आज तक उन्हें वेतन नहीं मिला है. वेतन न मिलने की वजह से ये सभी शिक्षक भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं.


सत्यापन का कार्य नहीं हो पाया
सरकार का निर्देश था कि ज्वाइन कराने के बाद विभाग इनके शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन करेगा, उसके बाद वेतन का भुगतान किया जाएगा लेकिन डीआईओएस ने कहा कि विद्यालय स्वयं सभी के अभिलेखो की जांच कर आख्या विभाग को उप्लब्ध करा देगा. लेकिन, जिला विद्यालय निरीक्षक की लापरवाही की वजह से सत्यापन का कार्य नहीं हो पाया जिससे इनका वेतन अभी तक निर्गत नहीं हुआ.


6 महिनों से वेतन का भुगतान नहीं हुआ
72 शिक्षक भुखमरी की कगार पर हैं और पिछले 6 महिनों से इन्हें वेतन का भुगतान नहीं हुआ है. जबकि, जिस स्कूल में इनकी तैनाती हुई है वहां के मैनेजमेंट की तरफ से अभिलेखों का सत्यापन कर विभाग को दिया जा चुका है लेकिन डीआईओएस ने उनकी डिग्रियों को तो सत्यापन के लिए भेजा पर उस सत्यापन का निर्धारित शुल्क नहीं भेजा, जिस कारण यूनिवर्सिटियों ने उन सभी डिग्रियों को कूड़ेदान में डालकर इनके आदेश को दरकिनार कर दिया.


अपर जिलाधिकारी ने शिक्षकों को दिया भरोसा
प्रदेश के कई जिलों में सहायक अध्यापकों का वेतन शासन की तरफ से दिया जा चुका है, लपरवाही के चलते केवल बस्ती जिले के शिक्षकों का वेतन रुका हुआ है. वहीं, शिक्षकों ने अपर जिला अधिकारी रमेश चंद को ज्ञापन देकर वेतन दिलाने की मांग की है, अपर जिलाधिकारी ने उन्हें भरोसा दिया है कि जल्द से जल्द सत्यापन का कार्य पूरा कर लिया जएगा, जिसके बाद उनकी मुश्किलें हल हो जाएंगी.



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