Basti News: बस्ती में जेल से बचने के लिए आरोपी ने खेला ऐसा खेल.. पुलिस और जज भी रह गए हैरान, जानें- खबर
Basti Crime News: ये पूरी कहानी 22 साल पहले शुरू होती है जब शिव शंकर ने सरकारी दस्तावेजों में कुचक्र कर ऐसा खेल रचा कि सच सामने आने में सालों लग गए.
Basti News: जेल जाने से बचने के लिए एक शख्स ने ऐसा खेल खेला कि पुलिस से लेकर जज भी चकमा खा गए. इस शख्स ने पुलिस की आंखों में कई सालों से धूल झोंककर जेल से बचने का पूरा इंतज़ाम कर रखा रखा था. पुलिस ने जब उसे शक के आधार पर पकड़ा तो भी उसने अपनी पहचान छिपाने की कोशिश करते हुए पुलिस को ही झूठा साबित कर दिया. लेकिन, जब पुलिस ने गहराई से पूरे मामल की छानबीन शुरू की तो जो बात सामने आई उसे जानकर पुलिस के भी होश उड़ गए.
बस्ती जनपद में लालगंज थाना क्षेत्र के जगन्नाथपुर गांव में रहने वाले शिव शंकर पांडेय को थाने की पुलिस ने कई साल बाद गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया. लेकिन, शिव शंकर ने खुद को न्यायालय के सामने ख़ुद को उसका चचेरा भाई जटाशंकर पांडेय बताकर बचा लिया था और पुलिस पर ही ग़लत व्यक्ति को गिरफ्तार करने का आरोप लगा दिया.
पुलिस और कोर्ट को भी दिया धोखा
दरअसल ये पूरी कहानी 22 साल पहले शुरू होती है जब शिव शंकर ने सरकारी दस्तावेजों में कुचक्र कर ऐसा खेल रचा कि सच सामने आने में सालों लग गए. साल 2002 में मुंडेरवां थाने के चीनी मील तिराहे के पास भाकियू कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हुए खूनी संघर्ष में मुंडेरवा पुलिस ने शिव शंकर पांडेय के खिलाफ कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आरोप पत्र दाखिल किया गया था. साल 2006 में एसीजेएम ने इनके खिलाफ आरोप तय किया.
दिसंबर 2023 में गैर जमानती वारंट में लालगंज पुलिस ने आरोपी शिव शंकर को गिरफ्तार कर न्यायालय भेजा तो उसने खुद को जटाशंकर पांडेय बताकर जज को भी धोखा दे दिया और बच गया. इतना ही उसने गिरफ्तार करने वाले उप निरीक्षक राम भवन प्रजापति पर ही उल्टा गलत शख़्स को गिरफ्तार करने का आरोप दाखिल कर दिया. इसके बाद जब राम भवन प्रजापति ने खुद को बचाने के लिए साक्ष्य जुटाने शुरू किए तो पूरा मामला खुलकर सामने आ गया.
सालों बाद ऐसे खुली पोल
जाँच के दौरान पुलिस को शिव शंकर के जटा शंकर बनने के साक्ष्य मिल गए, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी शिव शंकर को गिरफ्तार कर लिया. चौकी इंचार्ज ने बताया कि आरोपी ने शैक्षिक व पहचान पत्रों में फर्जीवाड़ा किया और अपनी पहचान छिपा कर जी रहा था. उसके खिलाफ कई मुकदमें हैं, जिनसे बचने व भाई की संपत्ति हासिल करने के लिए उसने पहले ख़ुद को मृत घोषित कर दिया और फिर जटा शंकर पांडेय बन गया था. इस तरह से वो सालों से पुलिस और कोर्ट से बचता आ रहा था.
Watch: सीएम योगी की विधानसभा में अपील, कहा- 'हमने तो केवल तीन जगह मांगी है लेकिन एक जिद है...'