Basti News Today: बीते दिनों झांसी मेडिकल कॉलेज में शॉर्ट सर्किट की वजह से NISU वार्ड में आग लग गई थी, जिसमें 10 मासूम बच्चों की मौत हो गई. इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है. प्रदेश के सभी जिले के अधिकारियों को ग्राउंड जीरो पर उतर कर सभी व्यवस्थाओं की जांच पड़ताल करने को कहा गया है.


इस संबंध में शासन ने सख्त दिशा निर्देश जारी किए हैं. इस आदेश में कहा गया है कि सभी जिलों के डीएम और एसपी मेडिकल कॉलेज में संचालित हो रहे NISU वार्ड और आग से निपटने के लिए लगे संयंत्रों की जांच करें और कमियों को तुरंत दूर करें.


इसी क्रम में बस्ती जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक पूरे दलबल के साथ अचानक महर्षि वशिष्ठ मेडिकल कॉलेज पहुंच गए. अस्पताल में प्रशासनिक टीम ने आग से निपटने के लिए लगाए गए फायर यंत्रों की जांच की. 


डीएम ने की फायर सिस्टम की जांच
डीएम रवीश कुमार ने खुद मेडिकल कॉलेज में लगे सेंट्रल फायर सिस्टम को चेक किया और उचित दिशा निर्देश दिए. इसके अलावा वार्डों में लगाए गए अग्निशमन यंत्रों की भी जांच की गई और जिसमें उनके एक्सपायरी भी देखी गई.  


इसके अलावा मुख्य चिकित्सा अधिकारी और अपर जिलाधिकारी पर आधारित दूसरी टीम जिला चिकित्सालय के NISU वार्ड पहुंचें और सभी पहलुओं की बारीकी से जांच पड़ताल की. जांच टीम ने ऑक्सीजन सेंट्रल यूनिट और फायर सिस्टम की भी जांच की.


इस दौरान अपर जिलाधिकारी ने बिजली सप्लाई में कुछ कमियां पाए जाने पर लाइनमैन को जमकर फटकार लगाई और कर्मियों को इसे तत्काल दूर करने का आदेश दिया. 


जांच टीम के पहुंचने से मचा हड़कंप
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रामशंकर दुबे ने बताया कि NISU वार्ड में भर्ती बच्चों को कोई समस्या नहीं आने दी जाएगी. उन्होंने कहा कि NISU वार्ड में भर्ती सभी नवजात बच्चे सुरक्षित हैं और उनकी पूरी देखभाल की जा रही है. 


जिला प्रशासन की टीम के औचक निरीक्षण से हड़कंप मच गया. प्रशासनिक टीम के मौके पर पहुंचने पर जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों में गहमा-गहमी मची ही. थोड़ी देर में अस्पताल की सारी व्यवस्थाएं चाक चौबंद नजर आई. 


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