UP News: बस्ती जिला प्रशासन ने कांशीराम आवास योजना (Kanshi Ram Awas Yojana) के तहत बने मकानों में बड़ी धांधली को उजागर किया है. जिलाधिकारी के निर्देश पर गठित जांच कमेटी ने 283 कमरों में ताला बंद पाया. 63 मकानों में लाभार्थी की जगह दूसरे लोग रहते मिले. दबंग 26 लोगों का अवैध कब्जा भी पाया गया. संयुक्त टीम ने कांशीराम शहरी योजना के बने एक हजार मकानों की  जांच की. कुल 458 मकानों के दुरुपयोग का खुलासा हुआ. 59 आवंटियों ने किराए पर मकानों को दे रखा है. आवंटित 27 मकान खाली पाए गए.


कांशीराम आवास योजना के मकानों में धांधली


बता दें कि जिलाधिकारी के निर्देश पर गठित संयुक्त जांच टीम में उप जिलाधिकारी सदर न्यायिक, परियोजना अधिकारी डूडा, उप जिलाधिकारी सदर, खंड विकास अधिकारी विक्रमजोत, अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका शामिल थे. संयुक्त टीम ने कांशीराम शहरी योजना के अंतर्गत बने 1000 आवासों का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान अनियमितता का खुलासा हुआ. जिलाधिकारी ने परियोजना अधिकारी डूडा को निर्देश दिया है कि आवासों का सत्यापन करते हुए संबंधित आवंटियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. जिलाधिकारी अंद्रा वामसी बताया कि 370 कांशीराम आवास का दोबारा आवंटन के लिए अनुमोदन किया है. परियोजना अधिकारी डूडा को आवास आवंटन के लिए दोबारा आवेदन लेने का निर्देश मिला है.


आवंटियों की तरफ से किराए पर देने का खुलासा 


निराश्रित विधवा, निराश्रित विकलांग और गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले शहरी नागरिकों को आवास उपलब्ध कराये जायेंगे. 3 श्रेणियों के आवंटियों में से 23 प्रतिशत आवास अनुसूचित जाति/जनजातियों के लिए आरक्षित रहेगा. 27 प्रतिशत आवास पिछड़े वर्गों के लिए और शेष 50 प्रतिशत सामान्य श्रेणी के लिए रिजर्व किये जायेंगे. लाभार्थियों में मुफ्त आवास का आवंटन होगा. जिलाधिकारी ने बताया कि विकलांगों को अनिवार्य रूप से ग्राउंड फ्लोर पर आवासीय भवन आवंटित किये जायेंगे. गरीबी रेखा से नीचे रहनेवाले लोग आवंटन के पात्र होंगे. आवेदन के साथ आवेदक को बीपीएल का प्रमाण-पत्र लगाना अनिवार्य है. आरक्षित श्रेणी की पात्रता से संबंधित प्रमाण-पत्र भी आवेदक को आवेदन के साथ देना अनिवार्य होगा. निराश्रित विकलांग और निराश्रित विधवाओं की पात्रता के लिए भी प्रमाण-पत्र जरूरी है. 


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