Basti News: गन्ना किसानों के बहुरेंगे दिन! युवक ने वाल्टरगंज और बस्ती चीनी मिल को चलाने का उठाया बीड़ा
बस्ती जनपद की बंद पड़ी हुई दो चीनी मिलें (Sugar Mill) वाल्टरगंज (Walterganj) और बस्ती (Basti) जल्द शुरू हो सकती है. इसके लिए गांव के एक एमबीए (MBA) युवक ने पहल की है.
UP News: गन्ना किसानों को लेकर अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यानथ (Yogi Adityanath) ने चुनाव के दौरान किसानों से किए वादों को पूरा करने की तैयारी शुरू कर दी है. गौरतलब है कि वर्ष 2016 में सपा सरकार के कार्यकाल के दौरान वाल्टरगंज (Walterganj) में स्थित फेनिल ग्रुप (Phenyl group) की शुगर मिल घाटे में होने की वजह से बंद हो गई. इस दौरान कई आंदोलन हुए लेकिन सरकार ने कोई पहल नहीं की. अब योगी सरकार 2 ने इस मिल को चलाने के लिए पहल शुरू कर दी है.
क्या है मामला?
किसी जमाने में बस्ती जनपद को चीनी का कटोरा कहा जाता था. लेकिन धीरे-धीरे करके एक एक चीनी मिल बंद होती गई. जिसके कारण किसानों ने गन्ना का उत्पादन कम कर दिया. जिसके बाद बस्ती जनपद की दो चीनी मिलें वाल्टरगंज और बस्ती बंद हो गई. हालांकि मिल को चलाने के लिए कई बार प्रयास किया गया लेकिन प्रयास सफल नहीं हुआ. अब बस्ती जनपद का एक युवा दोनों चीनी मिल खरीदने का इरादा लिए हुए, जिला प्रशासन और मिल प्रबंधन से लगातार बातचीत कर रहा है.
इसको लेकर सरकार से एमओयू का भी करार हो चुका है. माना जा रहा है कि जल्द ही मिल फिर से चालु हो सकती है. कमरुद्दीन नाम के एक व्यापारी ने इस मिल को चलाने का बीड़ा उठाया है. इससे पहले वो गन्ना किसान, मिल कर्मचारी और मिल पर बकाया बिजली बिल सहित कुल 84 करोड़ का भुगतान करने का भी सरकार से वादा किया है. उसके बाद वे मिल को चलाने की प्रक्रिया शुरू करेंगे. जिससे
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कौन है युवक?
बस्ती जिले के छोटे से गांव में जन्मा एक नौजवान युवाओं के लिए एक मिसाल है. अपने अभियान को इस नौजवान ने जनपद के सबसे बड़ी समस्या गन्ना किसानों के लिए नए-नए सपने को हकीकत में बदलने के प्रयास में लगाया है. इस नौजवान ने देश और विदेश में आधा दर्जन से अधिक मल्टीनेशनल कंपनियों की स्थापना करके बस्ती जनपद का मान बढ़ा दिया है. युवक बस्ती जनपद के गांव पेडरिया थाना पैकोलिया निवासी डीजल इंजन के मकैनिक जलालुद्दीन के घर में जन्मा है. होनहार बेटे कमरुद्दीन ने अपनी प्राथमिक पढ़ाई अपने गांव के स्कूल में की है. वहां से हाई स्कूल इंटरमीडिएट परीक्षा अव्वल दर्जे में पास करके आई आई एम कोलकाता में एमबीए पाठ्यक्रम में दाखिला लिया.
युवक को 2011 में एमबीए की परीक्षा पास करके कई विदेशी कंपनियों के बड़े पदों पर काम करने के ऑफर आए. कुछ कंपनियों को अपनी सेवाएं भी दी, लेकिन नौकरी नहीं की. इसके साथ ही वर्ष 2007 में रोहमा पुत्री मोहम्मद अकबर से विवाह किया था. उनकी धर्मपत्नी भी एमबीए पास हैं. उनके पढ़ाई का भरपूर सहयोग लेकर के दोनों लोग साथ मिलकर सफलता की कहानी लिखना शुरु कर दिया.
अंतिम दौर में है वार्ता
बस्ती जनपद के छोटे से गांव में रहने वाले कमरुद्दीन की सोच अब बस्ती जनपद के गन्ना किसान और मजदूरों के प्रति बढ़ती नजर आ रही है. किसानों के समस्याओं के समाधान में गन्ने की फसल बहुत ही उपयोगी है. जिसे नकदी का फसल भी कहा जाता है. इसको लेकर के कमरुद्दीन बस्ती में बंद पड़ी वाल्टरगंज और बस्ती चीनी मिल खरीदने की मंशा रखते हुए फेनिल शुगर लिमिटेड के डायरेक्टरों से वार्ता भी कर रहे हैं, जो कि अंतिम दौर में चल रही है. उन्हें उम्मीद है कि यदि चीनी मिल उन्हें मिलती है तो निश्चित तौर पर बस्ती जनपद के किसानों को खुशहाल बनाने में वह सफल रहेंगे.
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