Basti News: यूपी के बस्ती में तेजतर्रार आईएएस अफसर और जनपद के सीडीओ सीएस जयदेव उस वक्त चर्चा में आ गए जब स्वास्थ्य महकमे की एक मीटिंग के दौरान उन्होंने सीएमओ से अभद्र भाषा का प्रयोग कर दिया. फिर क्या था बैठक में सीडीओ की गाली सुनने के बाद सीएमओ नाराज होकर उठे और चले गए, इसके बाद सीएमओ ने अपने विभाग के डॉक्टरों से बात की और समझौता नहीं होने का एलान कर दिया. सीएमओ के इशारे पर जनपद के सभी 14 सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों ने मंडल के आयुक्त अखिलेश सिंह से मुलाकात कर अपनी शिकायत दर्ज कराई और कार्रवाई की मांग की. 

 

वही इस घटना से अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ए एन त्रिगुट इतना आहत हुए कि उन्हें हार्ट का माइनर अटैक आ गया, आनन फानन में उन्हें जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया, जहा उनका अभी इलाज चल रहा है. सीडीओ के द्वारा किए गए इस दुर्व्यहार की बात जंगल में आग की तरह फ़ैल गई और देखते ही देखते जिला अस्पताल में डॉक्टरों की भीड़ जमा होने लगी.

 

सीएमओ ने की कार्रवाई की मांग

सीएमओ रमाशंकर त्रिपाठी ने साफ तौर पर कहा कि उनके साथ हुई घटना के विरोध में जनपद के सभी एमओआईसी अपना इस्तीफा देने जा रहे है. उन्होंने आरोप लगाया कि भरे मीटिंग में सीडीओ ने उन्हें गाली दी है, एसीएमओ भी उस मीटिंग में मौजूद थे और उन्हें भी सीडीओ ने भला बुरा कहा है. जिसके बाद बस्ती स्वास्थ्य महकमे के सभी डॉक्टर और अधिकारी कमिश्नर से मिलकर न्याय की गुहार लगाई, जिसमें इस्तीफे की बात कहकर आयुक्त से सीएमओ ने प्रकरण में कड़ी कार्रवाई की मांग की.

 

इस पूरे मामले को लेकर मंडल आयुक्त अखिलेश सिंह ने एबीपी लाइव से बात करते हुए बताया कि सीएमओ अपने डॉक्टरों की टीम के साथ उनके पास आए थे, जिसमें उन्होंने सीडीओ द्वारा दुर्व्यवहार किए जाने की बात कही है. मौखिक शिकायत करने पर उन्होंने सीएमओ से कहा लिखित शिकायत दीजिए तब वे आगे की कार्रवाई करेंगे. वही इस घटना के बीच अचानक एसीएमओ को हार्ट अटैक आ गया और प्रकरण और भी गंभीर रूप ले लिया. जिला अस्पताल में आला अधिकारियों ने पहुंचकर एसीएमओ का कुशल क्षेम जाना.

 

फिलहाल सीडीओ के द्वारा सीएमओ के साथ किए गए दुर्व्यवहार की इस घटना ने जिला प्रशासन के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है. एक आईएएस अधिकारी के द्वारा क्लास वन अफसर के साथ गलीगलौज करने की बात अब कोई आम नही रह गई है, पूरे जिले में सीडीओ की इस करतूत की चर्चा हो रही है और अब देखना होगा कि शासन स्तर से इस मामले में कोई एक्शन होता है या फिर आईएएस अधिकारी को बचाने के लिए मामले को मैनेज करने कामयाबी मिलती है.