Basti News: जिले में उस समय हैरान करने वाला वाकया सामने आया, जब एक पुलिस कर्मी ने अपने ही थानाध्यक्ष के खिलाफ शिकायत लेकर एसपी ऑफिस पहुंचा. सिपाही का कहना था कि, मुखबिर की सूचना पर उसने अवैध शराब के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया. लिखित शिकायत में सिपाही ने कहा कि रातभर मुल्जिम को थाने पर बैठाकर थानेदार जमानतदार का इंतजार करते रहे.
टीआई ने नहीं दर्ज किया मुकदमा
दरअसल पूरा मामला छावनी थाने का है, जहां पर तैनात कांस्टेबल शिवकेश कुमार ने एसपी को प्रार्थना पत्र देकर बताया कि, सात नवंबर को उसने मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर एक व्यक्ति को 5.5 लीटर अवैध कच्ची शराब के साथ पकड़ा था. सिपाही का कहना है कि जब उसने रिपोर्ट लिखकर कार्यालय में दिया, तो थानेदार ने जमानतदार के बगैर मुकदमा न लिखने की बात कही. कहा कि रातभर अवैध शराब के साथ गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को थाने पर बैठाकर थानेदार जमानतदार का इंतजार करते रहे.
सवाल पूछने पर भड़के एसओ साहब
सिपाही ने अपनी शिकायत में आगे बताया कि, बुधवार को जब एसओ से इस संबंध में पूछा कि इसमें मुकदमा क्यों नहीं लिखा गया है, तो एसओ ने बजाय उस शाबाशी देने के उसी पर भड़क गए और सिपाही शिवकेश को जमकर खरी-कोटी सुना डाली. इसके बाद सिपाही इतना आहत हुआ कि, वह अपने ही थानाध्यक्ष के खिलाफ एसपी ऑफिस पहुंच गया और पुलिस अधीक्षक से मिलकर लिखित में छावनी थाना पर तैनात एसओ नारायण लाल श्रीवास्तव के खिलाफ शिकायत की. शिकायत के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप पहुंच गया और एसपी के हस्तक्षेप के बाद आनन फानन में सिपाही के द्वारा पकड़े गए अवैध शराब कारोबारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया.
छावनी के थानाध्यक्ष के इस करतूत से एक बात तो साफ हो गई कि ऐसा नहीं विभाग में ईमानदार और कर्मठ कर्मचारी नहीं है फर्क बस इतना है कि उनके आलाधिकारी ईमानदार नहीं है और जब जहरीली शराब से कहीं किसी की मौत हो जाती है और क्षेत्र में घटना घट जाती है तो उस घटना की गाज थानाध्यक्ष पर ना गिरकर उस क्षेत्र के बीट सिपाही पर ही गिर जाती है.
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