बस्ती: उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के बाजारों में प्रतिबंधित चाइनीज फूजी सेब की बिक्री होने से लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ हो रहा है. जिले में रोजाना करीब दो टन से अधिक प्रतिबंधित सेब की बिक्री की जा रही है. लेकिन, प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है. हौरानी की बात तो ये है कि चाइनीज सेब के देसी सेब से महंगा होने के बावजूद इसकी बिक्री जोरों पर है. देसी सेब जहां बाजार में 100 से 150 रुपये प्रति किलो बिक रहा है तो वहीं चाइनीज सेब की कीमत 230 से लेकर 280 रुपये प्रति किलो है. 


आकर्षक होती है पैकिंग 
चाइनीज सेब की मांग है और लोग इसकी जमकर खरीदारी भी कर रहे हैं. कारण स्पष्ट है इसकी पैकिंग इतनी आकर्षक होती है कि लोग ना चाहकर भी इनके जाल में फंस जाते हैं. यही कारण है कि कारोबारी इसकी बिक्री में अधिक रूचि ले रहे हैं. जबकि, भारत सरकार के साथ ही खुद चीन सरकार ने इसकी बिक्री को प्रतिबंधित कर रखा है. वहीं, फुटकर फल विक्रेताओं को जानकारी ही नहीं है कि ये सेब प्रतिबंधित है या फिर ये चाइनीज सेब है. फुटकर फल विक्रेता गोरखपुर, फैजाबाद से सेब ले आते है और उन्हें केवल इसे बेचने से मतलब होता है.


सेहत पर भारी सेब 
भारत सरकार ने इससे होने वाले नुकसान को देखते हुए इस पर 2017 से प्रतिबंध लगा रखा है. इस पर प्रतिबंध की जानकारी बहुत कम लोगों को है. इसी वजह से लोग इसकी खरीदारी से परहेज नहीं करते हैं, लेकिन ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. बताया जाता है कि इस सेब को पकाने के लिए उरबासिड या टूसेट के नाम के केमिकल का इस्तेमाल जाता है, वो त्वचा पर चकत्ते पैदा कर सकता है. इसे चीन सरकार ने भी अपने देश में बिक्री के लिए प्रतिबंधित कर रखा है लेकिन, जानकारी के अभाव में ना केवल इसकी बिक्री की जा रही है, बल्कि खरीदारी भी हो रही है. लोग पैसे लगाकर भी अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. 


होती है कालाबाजारी
चाइनीज सेब को कालाबाजारी के जरिए यहां लाया जा रहा है. जिले के बाजारों में इसने अपना अधिपत्य जमा रखा है. वैसे सेब कई बीमारियों के लिए रामबाण औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है. जबकि चीन का फूजी सेब लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहा है. सूत्रों की मानें तो ये नेपाल के रास्ते महाराजगंज और सिद्धार्थनगर जिले से लाया जाता है.


जांच के बाद होगी कार्रवाई 
इस बीच सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि फूड अधिकारी को इसकी जानकारी नही है कि ये फूजी सेब प्रतिबंधि है. उन्होंने कहा कि 2019 में सेब का नमूना लैब में भेज गया था जो जांच में सही पाया गया था. उसके बाद से अभी तक कहीं इसकी जांच नहीं की गई है. बावजूद अगर ऐसा हो रहा है तो इसकी जानकारी लेकर थोक और खुदरा विक्रेता के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वहीं, जिलाधिकारी ने बताया कि जानकारी मिली है जांच करने के बाद कार्रवाई की जाएगी.


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