Basti News: उत्तर प्रदेश के बस्ती में जिला अस्पताल और महिला जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों की मृत्यु दर में पिछले कुछ समय से बढ़ोतरी आई है, जिसके बाद हड़कंप मच गया है. तमाम आधुनिक सुविधाओं के बाद भी सरकारी अस्पतालों मौत का आंकड़ा बढ़ा है. ये हाल तब है जब  स्वास्थ्य मंत्री ने व्यवस्थाओं को बेहतर करने के सख्त दिशा-निर्देश दिए है. लेकिन हकीकत कुछ और दिखाई देती है. 


प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं लेकिन बस्ती से सीएमओ रमा शंकर दुबे कुछ और ही दावा कर रहे हैं. उनका कहना है कि हमारे यहां इतनी अच्छी सुविधाएं दी जा रही है दूसरे जनपदों से भी मरीज आ रहे हैं. ज्यादा मरीज होने की वजह से मृत्यु दर भी बढ़ी है. 


सरकारी अस्पतालों में बढ़ी मृत्यु दर
बस्ती के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में इतनी अच्छी सुविधा मिल रही है कि दूर दराज से मरीज भी यहां इलाज के लिए आ रहे हैं. पिछले कुछ समय में अस्पतालों में आने वाले मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. उन्होंने कहा कि जब मरीजों की संख्या बढ़ रही है तो मौत के आंकड़े भी बढ़ेगा. 


सीएमओ ने कहा कि जिला अस्पताल और महिला अस्पताल में पिछले दो महीने के आंकड़ों की बात करें तो इलाज के लिए आए मरीज की मृत्यु दर काफी ज्यादा है. मगर इस बात पर भी नजर डालनी चाहिए कि आम मरीजों का विश्वास अब सरकारी अस्पतालों पर बढ़ा है. जिस वजह से मरीज सरकारी अस्पतालों की तरफ रुख कर रहे हैं. इसके साथ ही सरकारी अस्पताल में ऐसे मरीज भी ज्यादा आते है जो प्राइवेट अस्पताल में इलाज करवा कर हार मान चुके हैं और उनकी हालत गंभीर होती है. 


सीएम ने किया बड़ा खुलासा
सीएमओ ने एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि बस्ती में पांच ऐसे डॉक्टर हैं जो पिछले एक-दो नहीं कई साल से लापता थे, जिनके बारे में स्वास्थ्य महकमे को कोई जानकारी नहीं थी. मगर कागजों में वे सभी काम कर रहे थे. शासन को भी ऐसे डॉक्टरों की जानकारी दी गई है ताकि प्रदेश की जनता को बेहतर सुविधाएं मिल सके. सरकार इस दिशा में काम कर रही है. 


उन्होंने दावा किया कि उनका प्रयास रहता है किसी भी मरीज को कोई तकलीफ ना हो. उनकी हर समस्या का समय और सही तरीके से समाधान हो और जैसे ही उनके पास किसी मरीज की कोई शिकायत आती है तो वे तत्काल उस पर एक्शन लेते हैं. बस्ती जनपद में सभी सरकारी अस्पतालों में मरीज को अच्छी सुविधा देने का पूरा प्रयास किया जा रहा है जिसमें दवाओं से लेकर लैब जांच और ओपीडी की व्यवस्था शामिल है.