बस्ती में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी हर घर जल परियोजना, करोड़ों रुपये की लागत से हुआ था निर्माण
UP News: बस्ती में हर घर जल परियोजना के तहत दो करोड़ 19 लाख 358 रुपये की लागत से हर घर जल पहुंचाना था. यह योजना कागजों में चार माह पहले ही लोगों के घरों तक पहुंच गई है.
Basti News: उत्तर प्रदेश के बस्ती में हर घर जल परियोजना में भ्रष्टाचार का बड़ा खेल सामने आया है. सरकार ने इंजीनियर साहब को परियोजना के लिए गांव-गांव में पानी की टंकी बनाने फिर उससे घरों तक पाइप लाइन बिछाने के लिए भेजा था लेकिन उन्होंने भ्रष्टाचार का ऐसा तिकड़म चला की काम भी पूरा नहीं और भुगतान भी पूरा कर दिया गया. जिस परियोजना से गरीब जनता को लाभान्वित होना था वो खुद किसी भागीरथ का इंतजार कर रही है. केंद्र सरकार की अति महत्वपूर्ण परियोजना का हाल खराब है.
दो करोड़ 19 लाख 358 रुपये की लागत से हर घर जल पहुंचाना था. इस परियोजना का लाभ दो गांव की 2285 आबादी को दिया जाना था लेकिन यह परियोजना खुद भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई. कागजों में चार माह पहले ही हर घर जल पहुंचाने की योजना पूरी हो चुकी है. साढ़े आठ किलोमीटर लंबी पाइप लाइन का जाल बिछाकर दो गांव की ढाई हजार आबादी को लाभान्वित कर दिया गया है.इस कदर करप्शन कि पानी की टंकी बनाए बिना ही कार्य पूरा होने का बोर्ड लगाकर पूरा भुगतान ले लिया गया. जब कि धरातल में तो केवल बोरिंग व चहरदीवार का ही कार्य हुआ है.
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी हर जल परियोजना
बहादुरपुर ब्लाक के डेवाडीहा ग्राम पंचायत में पानी की परियोजना खुद पानी में है. जल जीवन मिशन के तहत हर घर जल पहुंचाने के लिए दो करोड़ 19 लाख चार हजार 358 रुपये आवंटित हुए थे, कार्यदायी संस्था मेधा इंजीनियरिंग एंड इंफास्ट्रक्चर लिमिटेड को निर्माण की जिम्मेदारी मिली थी. सोलर पैनल की व्यवस्था के साथ ओवर हेड टैंक व पंप हाउस सहित अन्य निर्माण किया जाना था. पाइपों का आठ हजार 574 मीटर लंबा जाल बिछाकर डेवाडीहा व गौतम कड़सरी की दो हजार 285 की आबादी को 422 फीट गहराई का जल उपलब्ध कराना था, जिससे उन्हें जल जनित बीमारियों से राहत मिल सके.
यह कार्य 15 मार्च 2023 को शुरू और 14 मार्च 2024 तक पूर्ण किया जाना था लेकिन अभी तक केवल बोरिंग व चहरदीवार का कार्य पूर्ण कर रंग रोगन किया गया है. पंप हाउस व ओवरहेड टैंक का निर्माण ही नहीं शुरू हो सका है. पाइप लाइन बिछाने का कार्य भी अभी अधर में है. सोलर लाईट सहित अन्य कार्य भी ठप पड़े हैं. एक पखवारे से परियोजना में मनोरमा नदी का पानी भरा है.
ग्रामीणों ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
ग्रामीणों ने बताया कि टोटी का पानी कब मिलेगा इसका कुछ पता नहीं. कागजों में तो योजना चार माह पहले की पूरी हो गई है. पेयजल उपलब्ध कराने के नाम पर अच्छी खासी सड़को को भी तोड़ दिया है. इसी तरह से बस्ती जनपद में कई गांव में जल जीवन मिशन के तहत बनने वाले हर घर जल के परियोजना का यही हाल है, पानी की टंकी बिना बनाए और बिना पाइप लाइन बिछाई ही कंपनी और विभाग के लोग मिलकर पूरा भुगतान ले चुके है.
जल निगम के अधिशाषी अभियंता ने बताया कि परियोजना का काम मेधा कंपनी कर रही है, जल निगम विभाग के इंजीनियर की देख रेख में कार्य किया जा रहा है, कही कोई कमी है तो उसको तुरंत ठीक किया जाएगा, जिस जगह परियोजना अधूरी की बात आप कर रहे वहा अभी कार्य होने है. वही मेधा कंपनी के परियोजना डायरेक्टर से बात करने पर उन्होंने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि बोर्ड लगा दिया है, कार्य जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा.
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